आ दरश दिखा दे मेरी माँ
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
आँखों के आंसू सूख चुके माँ, अब तू दरश दिखा दे।
कब से खड़ा माँ दर पे तेरे, मन की तू प्यास बुझा दे।
तेरी लीला निराली मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
बीच भंवर में नैया पड़ी माँ, आकर तू पार लगादे।
तेरे सिवा माँ कोई नहीं है, आकर तू गले से लगा ले।
क्यूँ देर लगाई मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
डूब रहा है सुख का सूरज, गम की बदरिया है छाई।
उजड़ गयी बगिया जीवन की, मन की कली मुरझाई।
करे विनती ये सेवक माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
तुझे रो रो पुकारे मेरे नैन, तुझे तेरे लाल बुलाते है।
आ दरश दिखा दे मेरी माँ, तुझे तेरे लाल बुलाते है॥
Aa Darsh Dikha De Meri Maa
Durga Bhajan
- अम्बे तू है जगदम्बे काली - दुर्गा माँ की आरती
- या देवी सर्वभूतेषु मंत्र - दुर्गा मंत्र - अर्थ सहित
- अयि गिरिनंदिनि - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
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- जगजननी जय जय माँ - अर्थसहित
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- मन लेके आया मातारानी के भवन में
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- धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार
- अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित - महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
- दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
- कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
- तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है
- सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार
- मन तेरा मंदिर आखेँ दिया बाती
- चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
- तुने मुझे बुलाया, शेरावालिये