आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया
आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारो दूल्हा में बड़का कमाल सखिया…
शेषमणि मोरिया कुंडल सोहे कनवा,
कारी कारी कजरारी जुल्मी नयनवा,
लाल चंदन सोहे इनके भाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया…
श्यामल श्यामल गोरे-गोरे जुड़िया जहान रे,
अखियां ने देख लीनी सुन लीना कान रे,
जुग जुग जीवे जोड़ी बेमिसाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया…
गगन मगन आज मगन धरतिया,
देखि देखि दूल्हा के सांवर सुरतिया,
बाल वृद्ध नर नारी सब बेहाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया…
जेकरा लगि जोगी मुनि जब तप कईले,
सोई आज मिथिला में पाहून बन के आईले,
आज लोढ़ा से सेकाई इनकर गाल सखियां,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया…
आज मिथिला नगरिया निहाल सखिया,
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया…