आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई
आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई,
आजा आजा रे कन्हाई तेरी याद आई,
याद आई रे तेरी याद आई,
आजा आजा रे-कन्हाई तेरी याद आई ॥
ऐसे लगता है पहले भी हुआ यही मिलन हमारा तुम्हारा,
तुम गहरे नीले सागर, मैं मिलन की प्यासी धारा,
धारा का रूप है सागर, सागर का अंश है धारा ॥
दिल में एक दर्द जगा देती है तेरी याद,
बीते लम्हे पलकों में बसा देती है तेरी याद,
जब याद श्याम तेरी आती है एक अजब नज़ारा होता है,
एक टीस सी उठती है और दिल बेचैन हमारा होता है ॥
तेरा प्यार छिपाए सीने में दिन रात तड़पती रहती हूँ,
कैसे बतलाऊं प्राण नाथ रो रो के गुज़ारा होता है,
जब याद श्याम तेरी आती है एक अजब नज़ारा होता है,
आजा आजा रे-कन्हाई तेरी याद आई,
याद आई रे तेरी याद आई ॥
जब याद श्याम तेरी आती है बह जाती हूँ तूफानों में,
मझधार में गोते खाती हूँ इक तेरा सहारा होता है,
जब याद श्याम तेरी आती है एक अजब नज़ारा होता है,
आजा आजा रे-कन्हाई तेरी याद आई,
याद आई रे तेरी याद आई ॥
मैं चलती फिरती उठती हूँ दुनिया से दर्द छिपाने को,
ये दुनिया वाले क्या जाने क्या प्यार तुम्हारा होता है,
जब याद श्याम तेरी आती है एक अजब नज़ारा होता है,
आजा आजा रे-कन्हाई तेरी याद आई,
याद आई रे तेरी याद आई ॥