आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं।
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं।
तुम बिन कौन सुने वरदाती।
किस को जाकर विनय सुनाऊं।
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं।
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं।
असुरों ने देवों को सताया।
तुमने रूप धरा महामाया।
उसी रूप का मैं दर्शन चाहूँ॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
रक्तबीज मधु कै सब मारे।
अपने भक्तों के काज सँवारे।
मैं भी तेरा दास कहाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती तेरी करू वरदाती।
हृदय का दीपक, नैयनो की बाति।
निसदिन प्रेम की ज्योति जगाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
ध्यानु भक्त तुमरा यश गाया।
जिस ध्याया माता, फल पाया।
मैं भी दर तेरे सीस झुकाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती तेरी जो कोई गावे।
चमन सभी सुख सम्पति पावे।
मैया चरण कमल रज चाहूँ॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
तुम बिन कौन सुने वरदाती।
किस को जाकर विनय सुनाऊं॥
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
Aarti Jag Janani Main Teri Gaun
Narendra Chanchal
Durga Bhajan
- अम्बे तू है जगदम्बे काली - दुर्गा माँ की आरती
- या देवी सर्वभूतेषु मंत्र - दुर्गा मंत्र - अर्थ सहित
- अयि गिरिनंदिनि - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
- जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
- दुर्गा चालीसा - नमो नमो दुर्गे सुख करनी
- जगजननी जय जय माँ - अर्थसहित
- जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय
- आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
- आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण
- भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
- मन लेके आया मातारानी के भवन में
- माँ जगदम्बा की करो आरती
- आरती माँ आरती, नवदुर्गा तेरी आरती
- मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - कालीमाता की आरती
- मात अंग चोला साजे, हर एक रंग चोला साजे
- धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार
- अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित - महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
- दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
- कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
- तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है
- सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार
- मन तेरा मंदिर आखेँ दिया बाती
- चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
- तुने मुझे बुलाया, शेरावालिये