भोर भई दिन चढ़ गया – माँ वैष्णो देवी आरती
भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच
आरती जय माँ
हे दरबारा वाली, आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
काहे दी मैया तेरी आरती बनावा
काहे दी मैया तेरी आरती बनावा
काहे दी पावां विच बाती मंदिर विच
आरती जय माँ
सुहे चोलेयाँवाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावा
सर्व सोने दी तेरी आरती बनावा
अगर कपूर पावां बाती मंदिर विच
आरती जय माँ
हे माँ पिंडी रानी, आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ
कौन सुहागन दिवा बालेया, मेरी मैया
कौन सुहागन दिवा बालेया, मेरी मैया
कौन जागेगा सारी रात मंदिर विच
आरती जय माँ
सच्चियाँ ज्योतां वाली, आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ
सर्व सुहागिन दिवा बालेया मेरी मैया
सर्व सुहागिन दिवा बालेया मेरी मैया
ज्योत जागेगी सारी रात मंदिर विच
आरती जय माँ
हे माँ त्रिकुटा रानी, आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा
जुग जुग जीवे तेरा जम्मुए दा राजा
जिस तेरा भवन बनाया मंदिर विच
आरती जय माँ
हे मेरी अम्बे रानी, आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली, आरती जय माँ
सिमर चरण तेरा ध्यानु यश गावें
जो ध्यावे सो, यो फल पावे
रख बाणे वाली लाज मंदिर विच
आरती जय माँ
सोहनेया मंदिरां वाली आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
हो रही जय जयकार मंदिर विच
आरती जय माँ
हे दरबारा वाली, आरती जय माँ
हे पहाड़ा वाली आरती जय माँ
Bhor Bhai Din Chad Gaya – Maa Vaishno Devi Aarti
Narendra Chanchal
Aarti at Bhawan Vaishno Devi
Durga Bhajan
- अम्बे तू है जगदम्बे काली - दुर्गा माँ की आरती
- या देवी सर्वभूतेषु मंत्र - दुर्गा मंत्र - अर्थ सहित
- अयि गिरिनंदिनि - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
- जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
- दुर्गा चालीसा - नमो नमो दुर्गे सुख करनी
- जगजननी जय जय माँ - अर्थसहित
- जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय
- आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
- आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण
- भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
- मन लेके आया मातारानी के भवन में
- माँ जगदम्बा की करो आरती
- आरती माँ आरती, नवदुर्गा तेरी आरती
- मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - कालीमाता की आरती
- मात अंग चोला साजे, हर एक रंग चोला साजे
- धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार
- अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित - महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
- दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
- कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
- तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है
- सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार
- मन तेरा मंदिर आखेँ दिया बाती
- चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
- तुने मुझे बुलाया, शेरावालिये