Kanha Aan Padi Main Tere Dwar

कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
मोहे चाकर समझ निहार॥
कान्हा कान्हा आन पड़ी मैं तेरे द्वार
तू जिसे चाहे, ऐसी नहीं मैं,
हां तेरी राधा जैसी नहीं मैं।

Kanha Aan Padi Main Tere Dwar Read More »

Scroll to Top