Sunderkand – 20

लछिमन बान सरासन आनू।
सोषौं बारिधि बिसिख कृसानु॥
सठ सन बिनय कुटिल सन प्रीति।
सहज कृपन सन सुंदर नीति॥
हे लक्ष्मण! धनुष बाण लाओ। क्योंकि अब इस समुद्रको बाणकी आगसे सुखाना होगा॥

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Sunderkand in Hindi – Index

हनुमानजी का सीता शोध के लिए लंका प्रस्थान
सिताजीने हनुमानको आशीर्वाद दिया
हनुमानजी ने श्रीराम को सीताजी का सन्देश दिया
भगवान् श्री राम की महिमा
समुद्र की श्री राम से विनती

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Sunderkand – Chaupai – 02

सुनहु पवनसुत रहनि हमारी।
जिमि दसनन्हि महुँ जीभ बिचारी॥
तात कबहुँ मोहि जानि अनाथा।
करिहहिं कृपा भानुकुल नाथा॥

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Sundarkand Audio Chaupai and Dohe (1 to 60) – List

हनुमानजी का सीता शोध के लिए लंका प्रस्थान
हनुमानजी और विभीषण का संवाद – श्रीराम की महिमा
हनुमान ने सीताजीको रामचन्द्रजीका सन्देश दिया
लंका दहन – हनुमानजी ने लंका जलाई
प्रभु श्री रामचंद्रजी की महिमा

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