गणेश मंत्र – गणेशजी के अत्यंत सरल मंत्र

भगवान् श्री गणेश – सुखकर्ता और दुःखहर्ता

भगवान श्री गणेश दुखहर्ता है,
अर्थात बाधाएं, चिंता और दुःख दूर करने वाले देवता है।

गणपतिजी सुखकर्ता है,
अर्थात रिद्धी, सिद्धि और बुद्धि के भी दाता हैं।

इसलिए गणेशजी के मंत्र सिद्धि मंत्र हैं और
प्रत्येक मंत्र में उनकी कुछ विशिष्ट शक्तियां समाहित हैं।

  • समाहित अर्थात सम्मिलित, निहित या रहती हैं।

जब सच्ची भक्ति के साथ गणेश मंत्र का जाप किया जाता है,
तो अच्छे परिणाम मिलते हैं।


श्री गणेश मंत्र जाप के लाभ

सामान्य तौर पर गणेश मंत्र के जाप से
सभी बुराईयां मिट जाती है और
भक्त को विवेक और सफलता का आशीर्वाद मिलता है।

जो मनुष्य सच्ची भक्ति से गणेशजी के मंत्र जाप करता है,
उस भक्त के मन में बुरे विचार प्रवेश नहीं करते और
जिस घर में श्री गणेश मंत्रो का जाप होता है,
उस घर में विपदाएं प्रवेश नहीं करती।

आध्यात्मिक लाभ के लिए,
श्री गणेशजी के कुछ सरल मंत्र नीचे दिए गए हैं। (1)


गणेश मंत्र जाप से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें –

मंत्र के जाप के लिए बैठने से पहले नहा लेना चाहिए।

मंत्र का जाप 108 बार या एक पूर्ण माला का होना चाहिए।

जब यह जाप नियमित रूप से 48 दिनों तक किया जाए,
तो यह एक – उपासना – बन जाता है।

जिसका अर्थ है गहन ध्यान,
जिससे सिद्धि या आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है।

लेकिन इन शक्तियों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए।

शक्तियों का उपयोग सिर्फ मानव जाति के लाभ के लिए और
निस्वार्थ कार्यों के लिए ही करना चाहिए।

शक्तियों का दुरुपयोग
देवताओं के अभिशाप का कारण बन सकता है। (1)


ओम गं गणपतये नमः

Om Gam Ganapataye Namaha
ॐ गं गणपतये नमः

ओम गं गणपतये नमः, गणपति उपनिषद का एक मंत्र है।

नया व्यवसाय, नया करियर या नई नौकरी शुरू करने से पहले,
यात्रा शुरू करने से पहले या स्कूल में नए कोर्स से पहले,
गणपतिजी के इस मंत्र को, पढ़ा जाता है,
ताकि बाधाएं दूर हो जाएं और प्रयासों में सफलता मिले। (1)

ॐ गं गणपतये नमः, ॐ गं गणपतये नमः
ॐ गं गणपतये नमः, ॐ गं गणपतये नमः


ओम नमो भगवते गजाननाय नमः

Om Namo Bhagavate Gajaananaaya Namaha
ॐ नमो भगवते गजाननाय नमः

ओम नमो भगवते गजाननाय नमः, एक भक्ति मंत्र है।

यह मंत्र गणेश जी की सर्वव्यापी चेतना का प्रतिनिधित्व करता है,
अर्थात सर्वव्यापी चेतना को व्यक्त करता है।

यह मंत्र गणेशजी के दर्शन करने या,
एक व्यक्ति के रूप में उनकी तत्काल उपस्थिति को
महसूस करने के लिए बहुत प्रभावशाली है। (1)

ओम नमो भगवते गजाननाय नमः,
ओम नमो भगवते गजाननाय नमः,
ओम नमो भगवते गजाननाय नमः,
ओम नमो भगवते गजाननाय नमः


ओम श्री गणेशाय नमः

Om Shri Ganeshaaya Namaha
ॐ श्री गणेशाय नमः

ओम श्री गणेशाय नमः मंत्र से
स्मरण शक्ति बढ़ती है,
जो छात्रों को पढ़ाई के लिए और
परीक्षामें सफल होने के लिए जरूरी हैं।

इसलिये यह मंत्र आमतौर पर सभी बच्चों को
उनकी अच्छी शिक्षा के लिए सिखाया जाता है।

किसी भी उम्र के लोग, स्कूल या विश्वविद्यालय में,
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए और सफलता के लिए
इस मंत्र का उपयोग कर सकते हैं। (1)

ॐ श्री गणेशाय नमः, ॐ श्री गणेशाय नमः,
ॐ श्री गणेशाय नमः, ॐ श्री गणेशाय नमः


ॐ वक्रतुंडाय नम:

Om Vakratundaaya Namaha
ॐ वक्रतुंडाय नम:

यह एक बहुत शक्तिशाली मंत्र है,
जैसा कि गणेश पुराण में चर्चा की गई है।

जब व्यक्तिगत या सार्वभौमिक रूप से कुछ काम ठीक से नहीं हो रहा है,
या जब लोगों के दिमाग, नकारात्मक हो जाते हैं,
तो गणेशजी का ध्यान, इस मन्त्र से आकर्षित किया जा सकता है,
जिससे काम सरल हो जाते है।

गणेश पुराण में राक्षसों केअत्याचार को रोकने के लिए,
इस मंत्र का कई बार उपयोग किया गया है। (1)

ॐ वक्रतुंडाय नम:, ॐ वक्रतुंडाय नम:
ॐ वक्रतुंडाय नम:, ॐ वक्रतुंडाय नम:


ओम क्षिप्र प्रसादाय नमः

Om Kshipra Prasadaya Namaha
ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः

क्षिप्र अर्थात तुरंत, तत्काल, जल्दी, तेज़, शीघ्रगामी, instant

ओम क्षिप्र प्रसादाय नमः मंत्र में, क्षिप्र का अर्थ है तुरंत।

अगर कुछ खतरा या कुछ मुश्किलें रास्ते में आ रही हैं और
नहीं जानते कि उस मुसीबत से कैसे छुटकारा पाया जाए,
तो भगवान श्री गणेश का त्वरित आशीर्वाद पाने के लिए,
सच्ची श्रद्धा के साथ इस मंत्र का अभ्यास करें।

ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः, ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः
ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः, ॐ क्षिप्र प्रसादाय नमः


ओम सुमुखाय नमः

Om Sumukhaaya Namaha
ॐ सुमुखाय नमः

ॐ सुमुखाय नमः, इस मंत्र के बहुत अर्थ है,
लेकिन इसे सरल बनाने के लिए इसका मतलब है कि
इस मंत्र के जाप और ध्यान से
आप हमेशा आत्मा में, चेहरे पर और हर चीज में, बहुत सुंदर होंगे।

उस मंत्र का ध्यान करने से
आप पर बहुत ही मनभावन और सौंदर्य आ जाता है।

इसके साथ ही शांति मिलती है
जो आपकी आँखों में लगातार नृत्य करती है और
जो शब्द आप बोलते हैं,
वे सभी प्रेम की शक्ति से भरे होते हैं।

ॐ सुमुखाय नमः, ॐ सुमुखाय नमः
ॐ सुमुखाय नमः, ॐ सुमुखाय नमः


ओम एकदंताय नमः

Om Ekadantaaya Namaha
ॐ एकदंताय नमः

ॐ एकदंताय नमः मे
एकदंत का तात्पर्य गणपतिजी के एकदन्त से है।

इस मंत्र का अर्थ है कि,
भगवान ने मन में उठने वाले द्वंद्व को तोड़ा,
जिससे मन में एक स्पष्ट सोच आ जाती है।

जिसके पास मन की एकता और
एकल-मन की भक्ति है,
वह सब कुछ हासिल कर लेता है।

ॐ एकदंताय नमः, ॐ एकदंताय नमः
ॐ एकदंताय नमः, ॐ एकदंताय नमः


ओम कपिलाय नमः
Om Kapilaaya Namaha
ॐ कपिलाय नमः

ओम गजकर्णकाय नमः
Om Gajakarnakaaya Namaha
ॐ गजकर्णकाय नमः

ओम लम्बोदराय नमः
Om Lambodharaaya Namaha
ओम लम्बोदराय नमः

ओम विकटाय नमः
Om Vikataaya Namaha
ॐ विकटाय नमः

ओम विघ्न नाशनाय नमः
Om Vighna Nashanaaya Namaha
ॐ विघ्न नाशनाया

ओम विनायकाय नमः
Om Vinayakaaya Namaha
ॐ विनायकाय नमः

ओम धूम्रकेतुवे नमः
Om Dhumraketuve Namaha
ॐ धूम्रकेतुवे नमः

ओम गणाध्याय नमः
Om Ganadhyakshaaya Namaha
ॐ गणाध्याय नमः

ओम भालचंद्राय नमः
Om Bhalachandraaya Namaha
ऊँ भालचंद्राय नमः

ओम गजाननाय नमः
Om Gajaananaaya Namaha
ॐ गजाननाय नमः


सन्दर्भ – Reference – Source –
1. Official website of Shree Siddhivinayak Ganapati Temple Trust, Prabhadevi, Mumbai – Mantra


श्री गणेश मंत्र

श्री वक्रतुण्ड महाकाय
सूर्य कोटी समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव
सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

ॐ गं गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धिविनायक नमो नमः।
अष्टविनायक नमो नमः
गणपति बाप्पा मोरया॥


श्री गणेश गायत्री मंत्र

Shri Ganesh Gayatri Mantra

ॐ एकदन्ताय विद्धमहे,
वक्रतुण्डाय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥

ॐ वक्रतुण्डाय विद्धमहे,
एकदन्ताय धीमहि,
तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥


गणेश स्तुति मंत्र

Vinayak Stuti Mantra

गजाननं भूतगणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बूफलचारू भक्षणम्,
उमासुतं शोक विनाशकारकं,
नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥
ॐ श्री गणेशाय नमः

Gajaa-nanam bhoot-ganaadi sevitam
Kapittha jambu-phal charu bhakshanam।
Uma-sutam shok vinaash-kaarakam
Namaami Vighneshwar paad-pankajam॥

(कपित्थ – Wood Apple – एक फल है जो बेल जैसा होता है। इसे कबिट या कठबेल भी कहते हैं)


गणेश शुभ लाभ मंत्र

Ganesh Mantra for Prosperity and Wealth

ॐ श्रीम गम सौभाग्य गणपतये
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥

Om Shreem Gam
Saubhagya Ganpataye
Varvarda Sarva-janma mein
Vash-maanya Namah॥