गणेश पुराण – प्रथम खण्ड
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 1
– श्रीगणेशजी की कथा का प्रारम्भ
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 2
– हरि अनन्त हरि चरित अनन्ता
– राजा सोमकान्त का वृत्तान्त-कथन
– राजा सोमकान्त के पूर्व जन्म का वृत्तान्त भृगुद्वारा वर्णन
– अमोघ प्रभाव गणेश-उपासना का कथन
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 3
– राजा द्वारा गणेश-पुराण श्रवण का संकल्प कथन
– वेदव्यास की बुद्धि का भ्रमित होना कैसे ?
– गणेश का त्रिदेवों को कार्य सौंपने का वर्णन
– ब्रह्माजी ने की, गजानन की उपासना
– विघ्नेश्वर की उपासना भगवान् विष्णु द्वारा
– गणेशजी के वरदान से मधु-कैटभ का वध
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 4
– राजा भीम का उपाख्यान कथन
– श्रीबल्लाल विनायक की स्थापना का वर्णन
– काल की गति विचित्र होती है
– रुक्मांगद की संकट से निवृत्ति
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 5
– मुकुन्दा की दुष्टता के कारण गृत्समद का शाप
– गृत्समद को अपनी माता का शाप
– त्रिपुरासुर ने गणेश की आराधना की
– देवताओं द्वारा श्रीगणेश- पूजा का वर्णन
– त्रिपुरासुर से गणेश- प्रतिमा की याचना का वर्णन
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 6
– शिवजी द्वारा गणेश्वर की उपासना का वर्णन
– शिवजी के समक्ष विनायक का प्राकट्य
– शिवजी द्वारा त्रिपुरासुर का विनाश
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 7
– पार्वती ने गणेश- पूजन किया
– राजा कर्दम का दृष्टान्त- कथन
– राजा नल का दृष्टान्त- कथन
– राजा चित्त्रांगद का दृष्टान्त- कथन
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 8
– देवराज इन्द्र के विमान का पतन वर्णन
– गणेश्वर के संकष्टी- व्रत का इतिहास वर्णन
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 9
– शिव- पार्वती- संवाद वर्णन
– शिवजी द्वारा सुदामा के वैभव- सम्पन्न होने का वर्णन
– व्यापारी के धन चोरी होने का वर्णन
– चोरों से वैश्य को धन की पुनः प्राप्ति कथन
– भगवान् विनायक की कृपा चित्रबाहु पर
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 10
– पति- परित्यक्ता रानी सुनीता का आख्यान
– रानी सुनीता को सर्वसुख प्राप्ति का वृत्तान्त
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 11
– देवताओंको वरदराज का दर्शन
– श्रीराधाजी ने गणपति की पूजा की
गणेश पुराण – प्रथम खण्ड – अध्याय – 12
– श्रीगणेशजी द्वारा चन्द्रमा को शाप वर्णन
– चन्द्रमा के ऊपर गणेश्वर की कृपा
गणेश पुराण – द्वितीय खण्ड
गणेश पुराण – द्वितीय खण्ड – अध्याय – 1
– गणपति का चरित्र कथन कल्पभेद से
– गशेश्वर गणपति की प्राकट्य- कथा
गणेश पुराण – द्वितीय खण्ड – अध्याय – 2
– गणपति का शिवगण से युद्ध वर्णन
– परास्त होकर शिवगणों का भागना
गणेश पुराण – द्वितीय खण्ड – अध्याय – 3
– शिवा द्वारा महाशक्तियों का प्राकट्य वर्णन
– शिवजी का युद्ध के लिए गणेश की ओर जाना
– गणेश्वर का मस्तक छेदन वर्णन
गणेश पुराण – द्वितीय खण्ड – अध्याय – 4
– पार्वती का क्रोध, महाशक्तियों का प्राकट्य
– रुद्राणी के तेज से रुद्र का दुखित होना
– नारदजी द्वारा शिवा का स्तवन करना
गणेश पुराण – द्वितीय खण्ड – अध्याय – 5
– गजानन का पुनर्जीवन- दान वर्णन
– गजानन का अभिषेक तथा वर प्रदान करना
– आनन्दोत्सव का समारोह
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 1
– शौनक का पुण्यव्रत- विषयक प्रश्न
– पुण्यक- व्रत का विधान
– पुण्यक- व्रत की फल- श्रुति
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 2
– गिरिजा द्वारा पुण्य- व्रत का अनुष्ठान करना
– व्रत की समाप्ति, पुरोहित का दक्षिणा याचना
– समस्या का समाधान त्रिलोकीनाथ ने किया
– पार्वती के अनुपम धैर्य की जाँच
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 3
– पार्वती का आत्मघात के लिए तैयार होना
– श्रीकृष्ण के ध्यान में पार्वती का मग्न होना
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 4
– विप्रवेश धारण कर प्रभु का आना
– विप्र का अन्तर्धान होना शिशुरूप में प्राकट्य
– पुत्त्रोत्सव तथा जातकर्म वर्णन
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 5
– गणपति के दर्शनार्थ शनिश्चर का कैलास जाना
– विशालाक्ष का शनिश्चर को रोकना
– पार्वती की आज्ञा से शनि का अन्तःपुर में प्रवेश वर्णन
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 6
– शनि को पत्नी द्वारा शाप की प्राप्ति
– पार्वती ने शनि को पुत्र- दर्शन की आज्ञा दीं
– शनि की दृष्टि पड़ते ही शिशु का मस्तक छिन्न हो गया!
– श्रीहरि द्वारा गजराज का मस्तक काटना
– गजराज को पुनः जीवन- दान देना
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 7
– शिशु के धड़ पर हाथी का मस्तक जोड़ना
– श्रीहरि द्वारा पार्वती को समझाना वर्णन
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 8
– आभूषण स्वरूप शिशु को शक्ति प्रदान करना
– शनिदेव को पार्वती का शाप
– सूर्यदेव, कश्यप तथा यमराज का पार्वती पर क्रोधित होना
– सूर्यदेव आदि का विष्णु से भी रुष्ट होना
– श्रीहरि और पार्वती का शाप देने को तैयार होना
– पार्वती द्वारा शनैश्चर को वर प्रदान करना
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 9
– शिव द्वारा सूर्यदेव का वध
– कश्यप द्वारा शिवजी को शाप देना
– सूर्यदेव को पुनर्जीवन की प्राप्ति
– शिशु के धड़ में गजमुख जोड़ने के प्रति संदेह
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 10
– पाद्मकल्प में घटित घटना का वर्णन
– दुर्वासा का इन्द्र को पारिजात पुष्प देना
– पारिजात पुष्प को हाथी के मस्तक पर रखना
गणेश पुराण – तृतीय खण्ड – अध्याय – 11
– राज्य- श्री से इन्द्र का वंचित होना
– ब्रह्माजी द्वारा इन्द्र को नारायण- स्तोत्र कथन
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 1
– गणेशजी ‘एकदन्त’ कैसे हो गये ?
– जमदग्नि द्वारा कार्त्तवीर्य को निमन्त्रण देना
– कार्तवीर्य का जमदग्नि से कामधेनु की माँग करना
– मुनि द्वारा गौ देने को अस्वीकार करना
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 2
– राजा द्वारा बलपूर्वक कपिला गाय लाने का सेना को आदेश
– कामधेनु द्वारा करोड़ों सैनिक उत्पन्न करना
– कार्तवीर्य- जमदग्नि- संग्राम
– राजा द्वारा शक्ति प्रहार से जमदग्नि की मृत्यु
– आश्रम में परशुराम का आगमन
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 3
-परशुराम का प्रण पृथ्वी को क्षत्रियविहीन करने का
– परशुराम का शिवजी की आराधना वर्णन
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 4
-परशुराम द्वारा राजसभा में दूत का भेजना
– कार्त्तवीर्य और उसकी रानी का संवाद कथन
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 5
– कार्त्तवीर्य- परशुराम- युद्ध
– परशुराम का शूल से मूर्च्छित होना
– परशुराम का पृथ्वी को २१ बार क्षत्रिय- विहीन करना
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 6
– परशुराम का कैलास पर जाना तथा गणेश्वर का भीतर जाने से रोकना
– परशुराम का गणेश्वर से युद्ध
– गणेश्वर का पराक्रम
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 7
– गणेश्वर के ‘एकदन्त’ होने का वर्णन
– उमा का परशुराम पर क्रोध करना
– वामन भगवान् का प्रकट होना वर्णन
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 8
– गणेश्वर के वेद- प्रसिद्ध अष्ट नाम
– परशुराम का श्री उमा को प्रसन्न करना
गणेश पुराण – चतुर्थ खण्ड – अध्याय – 9
– तुलसी का गणपति को शाप
– गणपति का तुलसी को शाप वर्णन
गणेश पुराण – पंचम खण्ड
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 1
– देवान्तक- नरान्तक के जन्म- वृत्तान्त
– देवान्तक और नरान्तक को वर प्रदान करना
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 2
– देवान्तक- नरान्तक द्वारा त्रैलोक्य विजय- प्रस्थान
– नरान्तक की विजय मर्त्यलोक और पाताल पर
– नरान्तक द्वारा नागलोक की पराजय वर्णन
– अदिति द्वारा घोर तपश्चर्या का प्रारम्भ
– माता अदिति को विनायक के दर्शन
– देवमाता अदिति को वर- प्राप्ति वर्णन
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 3
– पृथ्वी की व्यग्रता एवं देव- समूहों द्वारा आदिदेव का स्तवन करना
– महोत्कट का प्रकट होना
– महोत्कट का जातकर्म संस्कार
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 4
– भगवान् महोत्कट की बाल- लीलाएँ
– चित्र नामक गन्धर्व को अपने स्वरूप की प्राप्ति
– महोत्कट के मुख में विश्वरूप दर्शन कथन
– महोत्कट के विविध रूपों के दर्शन
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 5
– महोत्कट का उपनयन संस्कार वर्णन
– देवताओं द्वारा अनेक प्रकार की वस्तुएँ प्रदान करना
– इन्द्र का अहंकार- भंजन
– विद्या का अध्ययन तथा शूरता
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 6
– महोत्कट का काशी जाना
– धूम्राक्ष- वध महोत्कट द्वारा
– जघन और मनु नाम के दैत्यों का संहार
– नरान्तक का अत्यन्त क्रोधित होना
– विघण्टादि दैत्यों की मृत्यु
– राजभवन में महोत्कट का पूजन और स्वागत
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 7
– धूम्राक्ष- पत्नी जुम्भा का वध
– अनेक महाबली असुरों का संहार वर्णन
– ज्योतिषी रूप वाला मायावी असुर का संहार
– असुर कूपक और कन्दर की मृत्यु
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 8
– तीन असुरों का काशी पर आक्रमण
– मायामय पक्षी का प्राकट्य
– दैत्य- माता द्वारा बदले की कार्रवाई
– दैत्य की माता भ्रामरी की मृत्यु
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 9
– विनायक का अभिनन्दन- पूजन
– काशीनगरी पर नरान्तक का आक्रमण
– काशीनरेश को चिन्ता
– दैत्यसेना की विजय
– नरान्तक का संहार
– पिता रुद्रदेव का शोकित होना
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 10
– देवान्तक का काशी पर आक्रमण
– शक्तियों की विशाल सेना और पराक्रम
– असुरों की हार
गणेश पुराण – पंचम खण्ड – अध्याय – 11
– देवान्तक द्वारा अघोर मन्त्र का अनुष्ठान वर्णन
– देवान्तक को विराट् रूप के दर्शन
– युवराज- विवाह तथा विनायक का जाना
– दुण्डिराज गणेश की स्थापना
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 1
– उग्रेक्षण सिन्धु का जन्म
– उग्रेक्षण का प्रबल पराक्रम तथा वर की प्राप्ति
– उग्रेक्षण के राज्य का विस्तार होना
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 2
– देवताओं द्वारा संकष्टीचतुर्थी व्रत करना
– कैलास से शिवजी का पलायन
– पार्वती को पुत्त्र की प्राप्ति, मयूरेश्वर का जन्म
– उग्रेक्षण का चिन्तित होना
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 3
– गृधासुर का मारा जाना
– क्षेमासुर एवं कुशलासुर का मारा जाना
– क्रूर नामक असुर की मृत्यु
– व्योमासुर- वध
– राक्षसी शतमहिषा का वध
– और भी अनेक राक्षसों का वध
– तरह- तरह की बाल- क्रीड़ाएँ
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 4
– वृकासुर का वध
– उपनयन- संस्कार मयूरेश्वर का
– राक्षस नूतन वध
– अण्डा से निकले पक्षी के वध का वर्णन
– अश्वासुर का वध
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 5
– नागलोक पर विजय
– त्रिसन्ध्याक्षेत्र से शिवजी का प्रस्थान
– कमलासुर का वध
– मंगल दैत्य का वध
– अश्वासुर का वध
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 6
– नन्दी का पराभव
– इन्द्र का गर्व खण्डन
– गणराज की बारात की तैयारी
– गणपति की प्रतिज्ञा
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 7
– दैत्येश्वर उग्रेक्षण के साथ मयूरेश्वर का युद्ध आरम्भ
– उग्रेक्षण की पुनः पराजय
– कल- विकल असुरों का संहार
– दैत्येश्वर उग्रेक्षण का वध
गणेश पुराण – षष्ठ खण्ड – अध्याय – 8
– मयूरेश का सिद्धि- बुद्धि के साथ पाणिग्रहण
– इन्द्र का मान भंग
– लीला का संवरण
– दैत्येश्वर उग्रेक्षण का वध
गणेश पुराण – सप्तम खण्ड
गणेश पुराण – सप्तम खण्ड – अध्याय – 1
– सिन्दूरासुर की उत्पत्ति
– सिन्दूर का वर की परीक्षा का प्रयत्न करना
– चतुरानन का भागकर बैकुण्ठ जाना
– विष्णु का सिन्दूर दैत्य को कैलास भेजना
गणेश पुराण – सप्तम खण्ड – अध्याय – 2
– मयूरेश्वर का प्रकट होना
– सिन्दूरासुर द्वारा दिग्विजय
– देवताओं द्वारा विनायक की स्तुति करना
गणेश पुराण – सप्तम खण्ड – अध्याय – 3
– भगवान् गजानन का प्रकट होना
– अपने पुत्र से पार्वती का भयभीत होना
– राजा वरेण्य के यहाँ गजानन को नन्दी द्वारा पहुँचाना
– सिन्दूरासुर के अत्याचारों की वृद्धि
गणेश पुराण – सप्तम खण्ड – अध्याय – 4
– महर्षि पराशर की प्रभु- भक्ति
– सिन्दूरासुर को आकाशवाणी द्वारा चेतावनी
– क्रौंचगन्धर्व को मूषक होने का शाप
– गणेश का प्रिय वाहन मूषक
गणेश पुराण – सप्तम खण्ड – अध्याय – 5
– मूषक गणेश का वाहन
– गजानन का युद्ध के लिए प्रस्थान करना
– सिन्दूरासुर का भगवान् गजानन के साथ युद्ध
– युद्ध में सिन्दूरासुर का मारा जाना
गणेश पुराण – सप्तम खण्ड – अध्याय – 6
– राजा वरेण्य का पश्चात्ताप वर्णन
– कलियुग में धूम्रकेतु अवतार का वर्णन
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 1
– गणपति के आठ अवतार
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 2
– एकदन्त अवतार
– मदासुर द्वारा दिग्विजय करना
– मदासुर का गर्व- भंजन
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 3
– महोदरावतार का वर्णन
– पार्वतीजी की लीला
– मोहासुर द्वारा ब्रह्माण्ड विजय- वर्णन
– मोहासुर की शरणागति
– दुर्बुद्धि तथा ज्ञानारि दैत्यद्वय का विनाश वर्णन
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 4
– गजानन अवतार
– लोभासुर द्वारा राज्य- विस्तार वर्णन
– गजमुख का देवताओं को आश्वासन
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 5
– लंबोदर अवतार
– क्रोधासुर की उत्पत्ति वर्णन
– क्रोधासुर का विजय- अभियान आरम्भ
– मायाकर का उत्कर्ष एवं संहार वर्णन
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 6
– विकट अवतार का वर्णन
– कामासुर का वर प्राप्त करना
– कामासुर को आत्मसमर्पण
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 7
– विघ्नराज अवतार
– पार्वती के मान से ममतासुर की उत्पत्ति
– शम्बरासुर की प्रेरणा से दिग्विजय करना
– ममतासुर का पराजित होना
गणेश पुराण – अष्टम खण्ड – अध्याय – 8
– धूमवर्ण अवतार उपाख्यान
– भास्कर के अहं से अहंतासुर की उत्पत्ति
– अधर्मधारक असुर का परामर्श करना
– अहंतासुर तथा धूम्रवर्ण का युद्ध
– अहंतासुर का धूम्रवर्ण की शरण में जाना
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