घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो
घर में पधारो गजाननजी लिरिक्स के इस पेज में पहले गणेश भजन के हिंदी लिरिक्स दिए गए है।
बाद में इस भजन का आध्यात्मिक महत्व दिया गया है और इसकी पंक्तियों से हमें कौन कौन सी बातें सीखने को मिलती है यह बताया गया है।
घर में पधारो गजाननजी भजन से हम गणपति जी को घर में आने के लिए प्रार्थना करते है। गणपति जी विघ्नहर्ता हैं, इसलिए हम उनसे अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने और उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं।
भजन की पंक्तियों में हम गणपति जी के साथ अन्य देवताओं को भी आने का आग्रह करते है। जिससे की हम सभी देवताओं की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सके। सभी देवताओं की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
Ghar Mein Padharo Gajanan ji Lyrics
घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो।
घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो।
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो॥
[घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो]
राम जी आना, लक्ष्मण जी आना।
संग में लाना सीता मैया॥
मेरे घर में पधारो
[घर में पधारो गजाननजी….]
ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना।
भोले शंकर जी को ले आना॥
मेरे घर में पधारो
[घर में पधारो गजाननजी….]
लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना।
सरस्वती मैया को ले आना॥
मेरे घर में पधारो
[घर में पधारो गजाननजी….]
विघ्न को हरना, मंगल करना।
कारज शुभ कर जाना॥
मेरे घर में पधारो
[घर में पधारो गजाननजी….]
घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो।
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो॥
Ghar Mein Padharo Gajanan ji
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घर में पधारो गजाननजी भजन का आध्यात्मिक महत्व
घर में पधारो गजाननजी भजन में हम गणपति जी से अपने जीवन में सुख, शांति, सफलता और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते है।
इस भजन से हमें यह भी सिखने को मिलता है कि हमें सभी देवताओं के आगमन का आदरपूर्ण स्वागत करना चाहिए और उनकी उपस्थिति को महत्वपूर्ण मानना चाहिए, जिससे की हम उनकी कृपा तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सके।
घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो।
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो॥
भजन की इस पहली पंक्ति में हम गणपति जी से अपने घर में आने की प्रार्थना करते है। साथ ही साथ गणपति जी से अपने घर में रिद्धि-सिद्धि लाने की भी प्रार्थना करते है।
रिद्धि-सिद्धि का अर्थ है धन, संपत्ति, ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति। रिद्धि का अर्थ है धन-धान्य, ऐश्वर्य और सुख-सुविधाएं, जबकि सिद्धि का अर्थ है आध्यात्मिक ज्ञान और शक्ति। भक्त चाहता है कि गणपति जी उसे इन दोनों वरदानों से उसे नवाजें।
जब गणेश भक्त कहता है घर में पधारो गजाननजी तो वह गणपति जी को अपने घर में आमंत्रित करता है ताकि वह अपने जीवन में सुख, शांति और सफलता प्राप्त कर सके। वह गणपति जी से अपने घर में आशीर्वाद और मार्गदर्शन देने की भी प्रार्थना करता है।
विघ्न को हरना, मंगल करना।
कारज शुभ कर जाना॥ मेरे घर में पधारो
इन पंक्तियों में भक्त गणपति जी से अपने घर में आने और सभी बाधाओं को दूर करने की भी प्रार्थना करता है।
वह गणपति जी से अपने घर में मंगल कार्यों को करने और सभी कार्यों को शुभ बनाने की भी प्रार्थना करता है।
भक्त को जब विश्वास होता है की भगवान् उसके साथ है तो वह जीवन में आने वाली बाधाओं से डरता नहीं है, लेकिन क्योंकि बाधाएं सफलता में बाधक बन सकती है, तो वह गणपति जी से इन बाधाओं को दूर करने और उसे सफलता की ओर ले जाने की प्रार्थना करता है।
राम जी आना, लक्ष्मण जी आना।
संग में लाना सीता मैया॥
ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना।
भोले शंकर जी को ले आना॥
लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना।
सरस्वती मैया को ले आना॥
भजन की पंक्तियों में, भक्त अन्य देवताओं को भी अपने घर में आमंत्रित करता है। यह हमें सिखाती है की हमें सभी देवताओं में विश्वास करना चाहिए और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
जब भक्त सभी देवताओं को आने के लिए आमंत्रित करता है अर्थात वह विभिन्न देवताओं से विभिन्न वरदानों की प्रार्थना करता है। यह बात यह दर्शाती है की भक्त एक समग्र और संतुलित जीवन जीना चाहता है। वह केवल भौतिक सुख-सुविधाओं की इच्छा नहीं रखता, बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक विकास भी चाहता है।
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