ज्योतिर्लिंग स्तोत्र – अर्थसहित
सौराष्ट्रे सोमनाथं च
श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
सौराष्ट्रे सोमनाथं च
श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं
ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
सौराष्ट्र प्रदेश (काठियावाड़) में श्री सोमनाथ,
श्रीशैल पर श्री मल्लिकार्जुन,
उज्जयिनी में श्री महाकाल,
ओंकारेश्वर अमलेश्वर (अमरेश्वर)
परल्यां वैद्यनाथं च
डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं
नागेशं दारुकावने॥
परली में वैद्यनाथ,
डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर,
सेतुबंध पर श्री रामेश्वर,
दारुकावन में श्रीनागेश्वर
वाराणस्यां तु विश्वेशं
त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं
घुश्मेशं च शिवालये॥
वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ,
गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर,
हिमालय पर श्रीकेदारनाथ और
शिवालय में श्री घृष्णेश्वर, को स्मरण करें।
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि
सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं
स्मरणेन विनश्यति॥
जो मनुष्य प्रतिदिन प्रातःकाल और संध्या समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों के पाप इन लिंगों के स्मरण-मात्र से मिट जाते है।
एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति।
कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥
सौराष्ट्रे सोमनाथं च
श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं
ओम्कारममलेश्वरम्॥
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Jyotirlinga Stotram
Shri Rameshbhai Oza
Anuradha Paudwal
Jyotirlinga Stotra – with Meaning
Saurashtre Somanatham cha
Shrishaile Mallikarjunam
Ujjayiniyam Mahakalam
Omkara-mamaleshwaram
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारममलेश्वरम्॥
Somnath in Saurashtra
Mallikarjunam in Shri-Shailam,
Mahakaal in Ujjain,
Amleshwar (Amreshwar) in Omkareshwar
Paralyam Vaidyanatham cha
Dakinyam Bheemashankaram
Setubandhe tu Ramesham
Nagesham Darukavane
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करं
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
Vaidyanath in Parali,
Bhimashankaram in Dakinya,
Ramesham (Rameshwaram) in Sethubandh,
Nagesham in Daruka-Vana
Varanasyam tu Vishvesham
Tryambakam Gautami-tate
Himalaye tu Kedaram
Ghrushnesham cha Shivalaye
वारणस्यां तु विश्र्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे
हिमालये तु केदारं घृश्नेशं च शिवालये॥
Vishwa-Isham (Vishvanath) in Vanarasi,
Triambakam at bank of the river Gautami (Godavari),
Kedar (Kedarnath) in Himalayas and
Grushnesh (Gushmeshwar) in Shivalaya (Shiwar).
Etani Jyotirlingani sayam
pratah pathennarah
Saptajanma-krutam papam
smaranena vinashyati
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥
One who recites these Jyotirlingas every morning and evening is relieved of all sins committed in past seven lives.
Eteshaam darshanaadev
paatakam naiv tishthati
Karma-kshayo bhavettasya
yasya tushto Maheshvaraah
एतेशां दर्शनादेव पातकं नैव तिष्ठति।
कर्मक्षयो भवेत्तस्य यस्य तुष्टो महेश्वराः॥
One who visits these , Jyotirling Temples all his wishes fulfilled and one’s karma gets eliminated as Maheshwara gets satisfied to the worship.
Saurashtre Somanatham cha
Shrishaile Mallikarjunam
Ujjayiniyam Mahakalam
Omkara-mamaleshwaram
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