मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना – 1
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना,
तुझे मिल गया पुजारी,
मुझे मिल गया ठिकाना।
मुझे रास आ गया हैं,
तेरे दर पे सर झुकाना॥
मुझे इसका गम नहीं है,
के ये दुनिया रुठ जाएं।
मेरी जिंदगी के मालिक,
कहीं तुम ना रूठ जाना॥
मुझे रास आ गया हैं,
तेरे दर पे सर झुकाना॥
तेरी बंदगी से पहले,
मुझे कौन जानता था।
तेरी याद ने बना दी,
मेरी जिंदगी फसाना॥
मुझे रास आ गया हैं,
तेरे दर पे सर झुकाना॥
दुनिया की ठोकरों से,
आया मैं तेरे द्वारे,
मेरे मुरली वाले मोहन,
अब और ना सताना॥
मुझे रास आ गया हैं,
तेरे दर पे सर झुकाना॥
तेरी सांवरी सुरतिया,
मेरे मन में बस गई है।
अब आ भी जाओ मोहन,
करके कोई बहाना॥
मुझे रास आ गया हैं,
तेरे दर पे सर झुकाना॥
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पर सर झुकाना।
तुझे मिल गया पुजारी,
मुझे मिल गया ठिकाना॥
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना – 2
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गई पुजारिन,
मुझे मिल गया ठिकाना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले
तेरी याद ने बना दी,
मेरी ज़िन्दगी फ़साना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मुझे इसका गम नहीं है
की बदल गया ज़माना
मेरी ज़िन्दगी के मालिक
कहीं तुम बदल न जाना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
यह सर वो सर नहीं है,
जिसे रख दूँ फिर उठा लूं
जब चढ़ गया चरण में,
आता नहीं उठाना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
तेरी सांवरी सी सुरत,
मेरे मन में बस गयी है
ऐ सांवरे सलोने,
अब और ना सताना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
मेरी आरजु यही है,
दम निकले तेरे दर पे
अभी सांस चल रही है,
कहीं तुम चले ना जाना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
दुनियां की खा के ठोकर
मैं आया तेरे द्वारे
मेरे मुरली वाले मोहन,
अब और ना सताना
मुझे रास आ गया है,
तेरे दर पे सर झुकाना
Mujhe Raas Aa Gaya Hai
Chitra Vichitra Ji Maharaj
Shri Mridul Krishna Shastri
Krishna Bhajan
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