पाप की मटकी तूने फोड़ी
पाप की मटकी तूने फोड़ी,
पुण्य की मटकी मै ले आऊँ।
जिस मटकी में भक्ति का माखन,
वोही मटकी मै चाहूँ॥
ये मटकी तो मोह की मटकी,
बात समझ ये आयी।
अब ना कभी मै तुझ से कहूँगी,
काहे करत ढिठाई॥
नगर नगर और डगर डगर में
बात यही समझाऊँ।
जिस मटकी में भक्ति का माखन,
वोही मटकी मै चाहूँ॥
पाप की मटकी तूने फोड़ी,
पुण्य की मटकी ले आऊ।
जिस मटकी में भक्ति का माखन,
वोही मटकी मै चाहूँ॥
पाप की मटकी तूने फोड़ी
माटी की ये मटकी फूटी,
माती का तन यहाँ मिला।
भक्ति की मटकी संग अब तो
जीवन में है कमल खिला॥
नारायण वो मटकी तोड़ के
जीवन चरण चढाऊं।
जिस मटकी में भक्ति का माखन,
वोही मटकी मै चाहूँ॥
पाप की मटकी तूने फोड़ी,
पुण्य की मटकी ले आऊ।
जिस मटकी में भक्ति का माखन,
वोही मटकी मै चाहूँ॥
पाप की मटकी तूने फोड़ी..
पाप की मटकी तूने फोड़ी..
पाप की मटकी तूने फोड़ी,
पुण्य की मटकी ले आऊ।
Paap Ki Matki Toone Phodi
Anup Jalota
Krishna Bhajan
- ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन - आध्यात्मिक महत्व
- आरती कुंज बिहारी की - श्री कृष्ण आरती - अर्थ सहित
- अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
- मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है
- नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की (Updated)
- मधुराष्टकम - अर्थ साहित - अधरं मधुरं वदनं मधुरं
- मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं - अर्थ सहित
- सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - अर्थ सहित
- हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी - आध्यात्मिक महत्व
- श्याम रंग में रंगी चुनरिया, अब रंग दूजो भावे ना
- बता मेरे यार सुदामा रे - भाई घणे दीना में आया
- हरे कृष्ण मंत्र (धुन) - हरे राम, हरे कृष्ण
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय - मंत्र 108
- काली कमली वाला, मेरा यार है
- मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा बरसाए रखना
- ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला
- अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
- फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी
- देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ - अर्थ सहित
- मुझे अपने ही रंग में रंगले, मेरे यार सांवरे
- नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा