है कृपा तेरी मेरे सतगुरु,
तूने जीवन मेरा बना दिया।
मैं भटक रहा था जहान में
तूने सच्चा रास्ता बता दिया॥
है कृपा तेरी मेरे सतगुरु
है कृपा तेरी मेरे सतगुरु,
तूने जीवन मेरा बना दिया।
मैं भटक रहा था जहान में
तूने सच्चा रास्ता बता दिया॥
मैं भटक रहा था जहान में
तूने सच्चा रास्ता बता दिया॥
मैंने ढूँढा तुझको यहां-वहां,
पर तेरा पता मुझको न मिला।
जब मुझको तेरा पता मिला,
मुझे अपना पता तक भुला दिया॥
मैं भटक रहा था जहान में
तूने सच्चा रास्ता बता दिया॥
तेरी वाणी में है वो दाता असर,
जिसको सुनकर कहता है ये भक्त।
मैने जबसे तेरी पूजा की,
तूने ज्ञान का दीपक जला दिया॥
मैं भटक रहा था जहान में
तूने सच्चा रास्ता बता दिया॥
मेरे मन में लगी आस यही
तेरे दर्शन की हैं प्यास बड़ी।
तेरे दर्शन रुपी बहार में
मेरे मन के कमल को खिला दिया॥
मैं भटक रहा था जहान में
तूने सच्चा रस्ता बता दिया॥