Ram Binu Tan Ko Taap Na Jayee
राम बिनु तन को ताप न जाई
जल में अगन रही अधिकाई।
राम बिनु तन को ताप न जाई॥
राम बिनु तन को ताप न जाई॥
राम बिनु तन को ताप न जाई
जल में अगन रही अधिकाई।
राम बिनु तन को ताप न जाई॥
राम बिनु तन को ताप न जाई॥
शिव – कल्याण स्वरूप
शंकर – सबका कल्याण करने वाले
शम्भू – आनंद स्वरूप वाले
महादेव – देवों के भी देव
मृत्युंजय – मृत्यु को जीतने वाले
पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम्।
निकट गंगा बहती निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
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पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम्।
निकट गंगा बहती निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
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नैया पड़ी मंझधार,
गुरु बिन कैसे लागे पार।
अन्तर्यामी एक तुम्ही हो,
जीवन के आधार।
जो तुम छोड़ो हाथ प्रभु जी, कौन उतारे पार॥
बीत गये दिन भजन बिना रे। भजन बिना रे, भजन बिना रे॥ बाल अवस्था खेल गवांयो।
जब यौवन तब मान घना रे॥
बहुरि नहिं आवना या देस॥
जो जो ग बहुरि नहि
आ पठवत नाहिं सेंस।
सुर नर मुनि अरु पीर औलिया
देवी देव गनेस॥
Video – अनूप जलोटा (Anup Jalota)
केहि समुझावौ सब जग अन्धा॥
इक दु होयॅं उन्हैं समुझावौं
सबहि भुलाने पेटके धन्धा।
पानी घोड पवन असवरवा
ढरकि परै जस ओसक बुन्दा॥