Ab Main Sharan Tihari Ji
अब मैं सरण तिहारी जी,
मोहि राखौ कृपा निधान॥
मीरा दासी शरण तिहारी,
सुनिये दोनों कान॥
Hey ri Main to Prem Diwani
दरद की मारी बन-बन डोलूं
बैद मिल्या नहिं कोय।
मीरा की प्रभु पीर मिटेगी
जद बैद सांवरिया होय॥
Sant Kabir ke Dohe – 1 – Hindi
दु:ख में सुमिरन सब करै, सुख में करै न कोय।
Man ka Pher – Kabir Dohe – Hindi
– माला फेरत जुग गया, मिटा न मन का फेर।
– माया मरी न मन मरा, मर मर गये शरीर।
– न्हाये धोये क्या हुआ, जो मन का मैल न जाय।
– मीन सदा जल में रहै, धोये बास न जाय॥