मंगल मनका रानी सती दादी का
जय अम्बे जय दुर्गे मात ,
जय नारायणी जय तनधन दास॥
जय दादी जय शक्ति नाम ,
पतित पावन दादी नाम॥
मनका
दीन हीन का दुख हरने को।
जन गण मंगल करने को॥
शक्ति प्रकटी झुन्झुन धाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (१)
यह शक्ति है माँ जगदम्बा।
यही भवानी दुर्गे अम्बा॥
नारायणी है इसका नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (२)
पीढी दर पीढी का रिश्ता।
तब ही दादी नाम है इसका॥
कुलदेवी को करो प्रणाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (३)
है अमोध दादी की शक्ति।
सदियों से करते सब भक्ति॥
पूजते है त्रिशूल निशान।
पतित पावन दादी नाम॥ (४)
माँ शक्ति का अलख जगाऊँ।
दादी माँ की बात बताऊँ॥
है स्वयं शक्ति दुर्गा महान।
पतित पावन दादी नाम॥ (५)
जानत है सबही नर नारी।
युद्ध हुआ महाभारत भारी॥
था वोः धर्म कर्म संग्राम।
पतित पावन दादी नाम॥ (६)
कौरव, पाण्डव हुई लडाई।
लीला प्रभु ने अजब दिखाई॥
बने सारथी स्वयं भगवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (७)
गीता में उपदेश दिया है।
जग को यह संदेश दिया है॥
कर्म करो, तज फल का ध्यान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८)
जब जब धरती पे धर्म लुटेगा।
और पाप का कर्म बढेगा॥
अवतारेंगे श्री भगवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (९)
अभिमन्यु, अर्जुन का लाल।
मंडराया जब उसका काल॥
कूदा रण में वह बलवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०)
चक्रव्यूह की लड़ी लडाई।
वीर गति अभिमन्यु पाई॥
गया वीर वह तो सुरधाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (११)
उत्तरा, अभिमन्यु की नारी।
पति धर्म का सत था भारी॥
उस देवी को करो प्रणाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (१२)
देख पति परलोक सिधारे।
उत्तरा ने ये वचन उचारे॥
जीवन हुआ आज निष्प्राण।
पतित पावन दादी नाम॥ (१३ )
जाऊ मै भी संग पति के।
खूब चढ़ा यह रंग मति पे॥
सत् से मै भी करूँ प्रयाण।
पतित पावन दादी नाम॥ (१४)
देख नारी का हट अती भारी।
बोले प्रभु से सब नर नारी॥
करो समस्या का समाधान।
पतित पावन दादी नाम॥ (१५)
प्रभु ने सबको यों समझाया।
छोड़ो सभी मोह और माया॥
होगा वही जो विधि विधान !
पतित पावन दादी नाम॥ (१६)
बोले फिर उत्तरा से जाई (जाय)।
ऐसी घडी अभी नहीं आई॥
कर तू धर्म कर्म का ध्यान।
पतित पावन दादी नाम॥ (१७ )
तू है गर्भवती एक नारी।
फिर कैसे ये बात विचारी॥
सोच ले क्या होगा अंजाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (१८)
अब ताजे जीवन पाप लगेगा।
कोख से तेरे निशां मिटेगा॥
नहीं है इसमें तेरी शान।
पतित पावन दादी नाम॥ (१९)
कोख से जो बालक जन्मेगा।
नाम परीक्षित उसका होगा॥
बनेगा राजा बड़ा महान।
पतित पावन दादी नाम॥ (२०)
बजेगी जग में उसकी भेरी।
सुन ले बात आज तू मेरी॥
होगा तेरा अमर निशां।
पतित पावन दादी नाम॥ (२१)
बात सुन उत्तरा चकराई।
बोली प्रभु से मन सकुचाई॥
तेरी लीला तेरे नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (२२)
प्रभुजी फिर दयाकर बोले।
थोडा सा मुस्का कर बोले॥
सुनलो अब तुम अमर ज्ञान।
पतित पावन दादी नाम॥ (२३)
निराकार ने दे आकार।
किया सृष्टि का है श्रींगार॥
स्वयं रहता है अंतर्ध्यान।
पतित पावन दादी नाम॥ (२४)
जो आया है वह जायेगा।
नहीं यहां पर रुक पायेगा॥
जड़ चेतन सब एक सामान।
पतित पावन दादी नाम॥ (२५)
सत् की शक्ति तन मन आई।
तब उसने यह व्यथा बताई॥
इच्छा होती बड़ी बलवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (२६)
जग को सत्य का भान कराऊँ।
सत् शक्ति पहचान बताऊँ॥
देवो अभिलाषा पर ध्यान।
पतित पावन दादी नाम॥ (२७)
सत्य ही है सत् का आधार।
बोले जग के कर्णाधार॥
इस से ही सब का कल्याण।
पतित पावन दादी नाम॥ (२८)
जो अभिलाषा रही अधूरी।
होगी वह कलयुग में पूरी॥
देता तुझे आज वरदान।
पतित पावन दादी नाम॥ (२९)
अभिमन्यु, तनधन दास बनेगा।
वैश्य के घर में वह जन्मेगा॥
होगा नारायणी तेरा नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (३०)
युद्ध वहां पर होगा भारी।
जब तू सत् दिखलाना नारी॥
कर शत्रु का काम तमाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (३१)
शक्ति रूप वहां दिखलाना।
जग के सारे कष्ट मिटाना॥
पूजेंगे सब सुबह शाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (३२)
संवत तेरह सौ अडतीस।
प्रगटी शक्ति कलयुग बीच॥
पूरण करने सत् अभियान।
पतित पावन दादी नाम॥ (३३)
कार्तिक शुक्ल अष्टमी बीती।
आई नवमी की शुभ तिथि॥
मंगलवार जनमी गुण खान।
पतित पावन दादी नाम॥ (३४)
महम डोकवा जिला हिसार।
अग्रवाल घर लिया अवतार॥
बतलाने सत् की पहचान।
पतित पावन दादी नाम॥ (३५)
सेठ घुरसमल था बड़ा नामी।
जन्मी उसके घर नाराणी॥
माता का सुलोचना नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (३६)
बचपन से ही गजब वो ढाए।
होनहार के रंग दिखलाए॥
जल्दी पढ़ लिए वेद पुराण।
पतित पावन दादी नाम॥ (३७)
राधा रुक्मण कृष्ण मुरारी।
त्रिमूर्ति संग बात विचारी॥
आज चले लेने इम्तिहान।
पतित पावन दादी नाम॥ (३८)
झट साधू का वेश बनाया।
द्वारे आकर अलख जगाया॥
बोले जय जय सियाराम।
पतित पावन दादी नाम॥ (३९)
माता ने की है अगुवाई।
चरणों में गिर धोक लगाई॥
स्वीकारो मेरा परनाम।
पतित पावन दादी नाम॥ ( ४०)
बड़े भाग्य जो आये साईं।
बोली सेठानी मुस्काई॥
देखो बेटी के दिनमान।
पतित पावन दादी नाम॥ (४१)
बेटी बड़े भाग्य जन्मी है।
बस इसमें तो एक कमी है॥
सूनी होगी जल्दी मांग।
पतित पावन दादी नाम॥ (४२)
सुनकर माँ को मूर्छा आई।
बेटी ने जब नैन मिलाई॥
झट से गई उन्हें पहचान।
पतित पावन दादी नाम॥ (४३)
करती हूँ प्रणाम मै सबको।
असली रूप दिखावो मुझको॥
विनती सुनलो दया निधान।
पतित पावन दादी नाम॥ (४४)
सबने अपना रूप दिखाया।
नारायणी ने आशीष पाया॥
हो गए फिर वो अंतर्धान।
पतित पावन दादी नाम॥ (४५)
अभिमन्यु जो वीर कहाए।
कलयुग में तनधन बन आये॥
जन्मे गांव हिसार है नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (४६)
बंसल गोत्र में जनम लिया है।
और शक्ति का वरण किया है॥
धन्य किया है कुल का नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (४७)
माता शारदा, बहिना श्यामा।
अनुज है उनके कमलारामा॥
पिताश्री है जाली राम।
पतित पावन दादी नाम॥ (४८)
मात-पिता की सेवा करते।
विपदा से वे कभी न डरते॥
थे वे वीर धीर गुणवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (४९)
था नवाब हिसार का झडचंद
आई है जब उसको अड़चन॥
सोचे किसे बनाऊ दीवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (५०)
मंत्री-गण ने उसे सुझाया।
जालिरामजी का नाम बताया॥
देवो उनको यह सन्मान।
पतित पावन दादी नाम॥ (५१)
जालिरामजी को झट बुलवाया।
प्रेम सहित आदेश सुनाया॥
आप संभालो पद दीवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (५२)
विवाह योग्य जब हुई है बाई।
मात-पिता मन चिंता छाई॥
करदे अब तो कन्यादान।
पतित पावन दादी नाम॥ (५३)
लागे ढूंढने वर उस लायक।
गुनी वीर सुन्दर सुखदायक॥
मिला नहीं हो रहे हैरान।
पतित पावन दादी नाम॥ (५४)
बाई ने जब ध्यान लगाया।
प्रभु ने उसका ह्रदय जगाया॥
हुआ बोध पति तनधन नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (५५)
मात-पिता को जब यह बताया।
तनधन जी का लगन भिजवाया॥
आये पूरण कर सब काम।
पतित पावन दादी नाम॥ (५६)
संवत तेरह सौ इक्यावन।
विवाह घडी जब आई पावन॥
गूंजा शहनाई पर गान।
पतित पावन दादी नाम॥(५७)
मंगसिर बदी नौमी मंगलवार।
बनी नाराणी तनधन नार॥
आशीर्वाद दिया भगवान्।
पतित पावन दादी नाम॥ (५८)
मात-पिता ने सीख बताई।
और बेटी को दी है विदाई॥
रखना हमेशा कुल का मान।
पतित पावन दादी नाम॥ (५९)
बाई जब ससुराल पधारी।
देख के बतलाये नर नारी॥
आई देवी घर दीवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (६०)
झड़चंद का बेटा शहजादा।
तनधन के संग खेलन जाता॥
दो शरीर पर एक था प्राण।
पतित पावन दादी नाम॥ (६१)
घोड़ी सुन्दर थी अती प्यारी।
तनधन जिस पर करे सवारी॥
वही निमित्त हुई वरदान।
पतित पावन दादी नाम॥ (६२)
शहजादे का मन ललचाया।
तनधन ने उसको समझाया॥
छोड़ दे तू घोड़ी का ध्यान।
पतित पावन दादी नाम॥ (६३)
होनी ने जब रंग दिखलाया।
घोड़ी चुराऊँ मन भरमाया॥
गया रात में वह नादान।
पतित पावन दादी नाम॥ (६४)
जाग हुई जब भागा बेचारा।
तनधन ने तब भाला मारा॥
निकले शहजादे के प्राण।
पतित पावन दादी नाम॥ (६५)
लाश देख सभी घबराए।
सीमा पार झुंझनू आये॥
रातों रात चले अविराम।
पतित पावन दादी नाम॥ (६६)
दुःख हुआ झड़चंद को भारी।
करें विलाप मात और नारी॥
सूनी हुई कोख और मांग।
पतित पावन दादी नाम॥ (६७)
झड़चंद कहे सुनो दरबारी।
करलो बदले की तेयारी॥
सभी रखो तनधन का ध्यान।
पतित पावन दादी नाम॥ (६८)
गौने का जब दिन है आया।
तनधन को ससुराल पठाया॥
संग भेजा राणा बलवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (६९)
कर गौना जब हुई है विदाई।
अपशकुनो की बाढ़ सी आई॥
चले बोलते जय जय राम।
पतित पावन दादी नाम॥ (७०)
गुप्तचरों ने खबर सुनाई।
झड़चंद ने फौजें भिजवाई॥
करो तनधन का काम तमाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (७१)
जंगल बीच हुई है लड़ाई।
तनधन ने वीरता दिखाई॥
मारे शत्रु के बहुत जवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (७२)
पीछे से वार किया दुश्मन ने।
वीरगति पाई तनधन ने॥
हुआ अमर उनका बलिदान।
पतित पावन दादी नाम॥ (७३)
नारायणी ने जब यह देखा।
चढ़ा जोश तब उसे अनोखा॥
कुदी रण में भृकुटी तान।
पतित पावन दादी नाम॥ (७४)
हाथों में तलवार है चमकी।
और साथ में चुडियाँ खनकी॥
बोली मिटाऊं तेरा नामोनिशां।
पतित पावन दादी नाम॥ (७५)
रणचंडी जब रूप दिखाया।
दुश्मन ने तब होश गंवाया॥
देख रूप विकराल महान।
पतित पावन दादी नाम॥ (७६)
कर दुश्मन का साफ़ सफाया।
राणा को आदेश सुनाया॥
अब हम चलते अपने धाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (७७)
वह संवत तेरह सौ बावन।
जब यह धरती हुई है पावन॥
लहराया ध्वज सत् का आन।
पतित पावन दादी नाम॥ (७८)
मंगसिर बदी नौमी मंगलवार।
सत् चढा है अपरम्पार॥
शक्ति का किया आहवान।
पतित पावन दादी नाम॥ (७९)
मुख मंडल पर तेज है दमके।
जैसे नभ में बिजली चमके॥
छाई होठों पर मुस्कान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८०)
अग्नि सत् से स्वयं प्रकटाई।
शक्ति ने सत् की ज्योत दिखाई॥
चमके धरती और आसमान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८१)
पञ्च तत्त्व देह हुआ विलीन।
शक्ति हुई शक्ति में लीन॥
शेष भस्मी, अवशेष समान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८२)
दृश्य देख राणा चकराया।
झट दुर्गा का रूप दिखाया॥
कर रहें वर्षा पुष्प विमान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८३)
बाएं कर त्रिशूल है चमके।
दायें में स्वस्तिक भी दमके॥
आभा मुख मंडल की महान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८४)
धन्य हुआ राणा का जीवन।
बोला विनती कर मन ही मन॥
जय भवानी, जय दुर्गा नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (८५)
राणा ने प्रणाम किया है।
माँ ने आशीवाद दिया है॥
संग मेरे पुजेगा तेरा नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (८६)
भस्मी कलश ले झुंझुनु आया।
घोडा रुका वहीं पे लगाया॥
समाधी मंदिर है आलिशान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८७)
बरस सात सौ की यह दादी।
हो गई दादी की पडदादी॥
अमर रहेगा इसका नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (८८)
जनम-मरण और परण दादी का।
वार मंगल और नौमी तिथि का॥
संगम और संयोग महान।
पतित पावन दादी नाम॥ (८९)
नौ का अंक पूरण कहलाता।
मंगल भी मंगल का दाता॥
दादी पूरण शक्ति निधान।
पतित पावन दादी नाम॥ (९०)
हुई नारायणी जग में विख्यात।
बनकर दादी राणी शक्ति मात॥
पूजे माँ को सारा जहां।
पतित पावन दादी नाम॥ (९१)
माँ दुर्गा की है अवतार।
कोई न पावे इसका पार॥
युग-युग में अवतारी नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (९२)
लक्ष्मी शारदा उमा काली।
वैष्णवी कलि में झुंझुनू वाली॥
सब पर्यायवाची इसके नाम।
पतित पावन दादी नाम ॥ (९३)
शक्ति की जो बात है मूल।
वाही दादी निशान त्रिशूल॥
है इसका स्पष्ट प्रमाण।
पतित पावन दादी नाम॥ (९४)
देख शक्ति का धाम निराला।
सब देवों ने देरा डाला॥
सुर संगम है दादी धाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (९५)
पित्तर देव सब यहाँ बिराजे।
बैठे शिव दरबार लगाके॥
हनुमत कंधे लक्ष्मण राम।
पतित पावन दादी नाम॥ (९६)
शोडष शक्ति नव दुर्गाये।
त्रिमूर्ति, नवग्रह मुस्काए॥
सब दिगपाल संभाले काम।
पतित पावन दादी नाम॥ (९७)
कुल-देवी दादी महारानी।
नहीं है इसका कोई सानी॥
करती कली में माँ कल्याण।
पतित पावन दादी नाम॥ (९८)
दादी की जग में है ख्याति।
संग में बहिनों को पुजवाती॥
तनधन पित्तर शक्तिमान।
पतित पावन दादी नाम॥ (९९)
जो भी मन से पूजे इसको।
दादी दर्शन देती उसको॥
जात पात का नहीं है काम।
पतित पावन दादी नाम ॥ (१००)
रोली मोली मेहंदी चावल।
धुप पुष्प दीपक और श्रीफल॥
पूजा का इनसे ही विधान।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०१)
चूड़ा चुनड भेंट चढ़ावें।
बहिन बेटी के काम वो आवें॥
रखती दादी सबका मान।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०२)
माँ, दादी सब शक्ति के रूप।
नारी स्वयं भी शक्ति स्वरुप॥
शक्ति पूजा नारी सम्मान।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०३)
जितनी भी शक्तियां है कलि में।
राणी शक्ति सिर मोर सभी में॥
इस शक्ति को करो प्रणाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०४)
महिमा दादी की अती भारी।
मंगल भवन अमंगल हारी॥
गुण गावे सब वेद पुराण।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०५)
यहाँ मंगल मनका पुष्पोहार।
करदे तुझको भव से पार॥
कर अर्पण दादी के नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०६)
पाठ करें जो मंगल मनका।
कष्ट हरे माँ उसके तन का॥
पुरें हो उसके अरमान।
पतित पावन दादी नाम ॥ (१०७)
श्री कृष्ण ने लीला गई।
दयाकर सुनले मेरी माई॥
भूलूँ नहीं मै तेरा नाम।
पतित पावन दादी नाम॥ (१०८)
मंगल माला पूरी हुई, मनका एक सौ आठ॥
मनोकामना पूर्ण हो, नित्य करे जो पाठ॥
॥जय दादी की॥
॥जय दादी की॥
॥मंगल भवन अमंगल हारी ,
दादीजी थारो नाम बड़ो सुखारी॥
॥प्रेम से बोलो जय दादी की॥
जय अम्बे जय दुर्गे मात ,
जय नारायणी जय तनधन दास॥
जय दादी जय शक्ति नाम ,
पतित पावन दादी नाम॥
Durga Bhajans
- अम्बे तू है जगदम्बे काली - दुर्गा माँ की आरती
- या देवी सर्वभूतेषु मंत्र - दुर्गा मंत्र - अर्थ सहित
- अयि गिरिनंदिनि - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
- जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
- दुर्गा चालीसा - नमो नमो दुर्गे सुख करनी
- जगजननी जय जय माँ - अर्थसहित
- जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय
- आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
- आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण
- भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
Rani Sati Manka Path
Rani Sati Manka Path
Jaya Ambe Jaya Durge Maat,
Jaya Narani Jaya Tandhan Daas.
Jaya Dadi Jaya Shakti Naam,
Patit Paavan Dadi Naam.
Manka
Deen heen ka dukh harne ko,
Jana gana me mangal karne ko.
Shakti prakati Jhunjhnu Dhaam,
Patit paavan Dadi Naam. (1)
Yaha Shakti hai Maa Jagdamba,
Yahi Bhavani Durge Amba.
Narayani hai iska naam,
Patit paavan Dadi Naam. (2)
Peedhi dar peedhi ka rishta,
Tabhi Dadi naam hai iska.
Kuldevi ko karo pranaam,
Patit paavan Dadi Naam. (3)
Hai amogh Dadi ki Shakti,
Sadiyon se karte sab bhakti.
Pujte hain Trishul nishaan,
Patit paavan Dadi Naam. (4)
Maa Shakti ka Alakh jagaun,
Dadi Maa ki baat bataun.
Hai swayam Shakti Durga mahan,
Patit paavan Dadi Naam. (5)
Jaanat hai sabhi nar naari,
Yudh hua Mahabharat bhaari.
Tha woh dharm karm sangraam,
Patit paavan Dadi Naam. (6)
Kaurav, Paandav huyi ladaai,
Leela Prabhu ne ajab dikhai.
Bane saarthi swayam Bhagwaan,
Patit paavan Dadi Naam. (7)
Geeta me updesh diya hai,
Jag ko yeh sandesh dia hai.
Karm karo taj fal ka dhyan,
Patit paavan Dadi Naam. (8)
Jab jab dharti par dharm lutega,
Aur paap ka karm badhega.
Avtarenge Sri Bhagwaan,
Patit paavan Dadi Naam. (9)
Abhimanyu Arjun ka laal,
Mandraya Jab uska kaal.
Kuda ran me wah balwaan,
Patit paavan Dadi Naam. (10)
Chakravyuh ki ladi ladai,
Veer gati Abhimanyu pai.
Gaya Veer Wah toh Surdhaam,
Patit paavan Dadi Naam. (11)
Uttara, Abhimanyu ki Naari,
Pati Dharm ka Sat tha bhaari.
Uss Devi ko karo pranaam.
Patit paavan Dadi Naam. (12)
Dekh Pati parlok sidhare,
Uttara ne yon vachan uchare.
Jeevan hua aaj nishpraan,
Patit paavan Dadi Naam. (13)
Jaun me bhi sang Pati ke,
Khuub chadha yeh rang mati pe.
Satt se mai bhi karun prayaan,
Patit paavan Dadi Naam. (14)
Dekh Naari ka hatt ati bhaari,
Bole Prabhu se sab nar naari.
Karo samasya ka samadhaan,
Patit paavan Dadi Naam. (15)
Prabhu ne sabko yon samjhaya,
Choddo sabhi moh aur maaya.
Hoga wahi jo vidhi vidhaan,
Patit paavan Dadi Naam. (16)
Bole fir se Uttara se jaai,
Aisi ghadi abhi nahi aai.
Kar Tu dharm karm ka dhyan,
Patit paavan Dadi Naam. (17)
Tu hai garbhvati ek naari,
Fir kaise yeh baat vichari.
Soch le kya hoga anjaam,
Patit paavan Dadi Naam. (18)
Ab taje jeevan paap lagega,
Kokh se Tere nishaan mitega.
Nahi hai isme teri shaan,
Patit paavan Dadi Naam. (19)
Kokh se jo baalak janmega,
Naam Parikshit uska hoga.
Banega Raaja bada mahaan,
Patit paavan Dadi Naam. (20)
Bajegi Jag me uski bheri,
Sun le baat aaj Tu Meri.
Hoga Tera amar nishaan,
Patit paavan Dadi Naam. (21)
Baat suni Uttara chakrai,
Boli Prabhu se mann sakuchai.
Teri leela Tere naam,
Patit paavan Dadi Naam. (22)
Prabhuji fir dayakar bole,
Thoda sa muskaa kar bole.
Sunlo ab Tum amar gyaan,
Patit paavan Dadi Naam. (23)
Niraakaar ne de aakar,
Kiya srishti ka hai sringaar.
Swayam rehta hai antardhyaan,
Patit paavan Dadi Naam. (24)
Jo aaya hai wah jayega,
Nahi yahan par ruk paayega.
Jad chetan sab ek samaan,
Patit paavan Dadi Naam. (25)
Satt ki shakti tan mann aai,
Tab usne yeh vyatha batai.
Ichchha hoti badi balwaan,
Patit paavan Dadi Naam. (26)
Jag ko satya ka bhaan karaun,
Satt Shakti pehchaan bataun.
Devo abhilaasha par dhyaan,
Patit paavan Dadi Naam. (27)
Satya hi hai satt ka adhaar,
Bole jag ke Karnadhaar.
Iss se hi sab ka kalyaan,
Patit paavan Dadi Naam. (28)
Jo abhilaasha rahi adhuri,
Hogi wah kalyug me puri.
Deta Tujhe aaj vardaan,
Patit paavan Dadi Naam. (29)
Abhimanyu, Tandhan daas banega,
Vaishya ke ghar me wah janmega.
Hoga Narayani Tera naam,
Patit paavan Dadi Naam. (30)
Yuddh wahan par hoga bhaari,
Jab Tu satt dikhlana naari.
Kar shatru ka kaam tamam,
Patit paavan Dadi Naam. (31)
Shakti roop wahan dikhlana,
Jag ke saare kasht mitana.
Pujenge sab subah shaam,
Patit paavan Dadi Naam. (32)
Samvat terah sau adtees,
Pragati Shakti kalyug beech.
Puran karne Satt abhiyaan,
Patit paavan Dadi Naam. (33)
Kartik shukla asthami beeti,
Aai navmi ki shubh teethi.
Mangalvaar janmi guna khaan,
Patit paavan Dadi Naam. (34)
Maham Dokva jeela hisaar,
Agrawal ghar liya avtaar.
Batlaane Satt ki pehchaan,
Patit paavan Dadi Naam. (35)
Seth Gursamal tha bada naami,
Janmi uske ghar Narani.
Maata ka Sulochana naam,
Patit paavan Dadi Naam. (36)
Bachpan se hi gajab woh dhaaye,
Honhaar ke rang dikhlaaye.
Jaldi padh liye ved puraan,
Patit paavan Dadi Naam. (37)
Radha Rukman Krsna Murari,
Trimurti sang baat vichari.
Aaj chale lene imtihaan,
Patit paavan Dadi Naam. (38)
Jhatt sadhu ka vesh banaya,
Dware aakar alakh jagaya.
Bole Jai Jai Siyaram,
Patit paavan Dadi Naam. (39)
Maata ne ki hai aguvaai,
Charnon me gir dhok lagai.
Sweekaro Mera parnaam,
Patit paavan Dadi Naam. (40)
Badde bhagya jo aaye Sayeen,
Boli Sethani muskaai.
Dekho beti ke dinmaan,
Patit paavan Dadi Naam. (41)
Beti badde bhagya janmi hai,
Bas isme toh ek kami hai.
Sooni hogi jaldi maang,
Patit paavan Dadi Naam. (42)
Sunkar Maa ko murcha aai,
Beti ne jab nain milai.
Jhatt se gayee unhe pehchaan,
Patit paavan Dadi Naam. (43)
Karti hun pranaam Me sabko,
Asli roop dikhavo mujh ko.
Vinti sunlo daya nidhaan,
Patit paavan Dadi Naam. (44)
Sabne apna roop dikhaya,
Narayani ne aashish paaya.
Ho gaye fir Woh antardhaan,
Patit paavan Dadi Naam. (45)
Abhimanyu jo veer kahaye,
Kalyug me Tandhan ban aaye.
Janme gaanv Hisaar hai naam,
Patit paavan Dadi Naam. (46)
Bansal gotra me janam liya hai,
Aur shakti ka varan kia hai.
Dhanya kia hai kul ka naam,
Patit paavan Dadi Naam. (47)
Maata Sharda, Bahina Shyaama,
Anuj hai unke Kamlaraama.
Pita Sri hai Jaalirama,
Patit paavan Dadi Naam. (48)
Maat-Pitah ki seva karte,
Vipda se Wah kabhi na darte.
The Ve Veer dheer gunvaan,
Patit paavan Dadi Naam. (49)
Tha nawab Hisaar ka Jhadchand,
Aai hai jab usko adchan.
Soche kisse banau deewan,
Patit paavan Dadi Naam. (50)
Mantri gan ne usse sujhaya,
Jaaliramji ka naam bataya.
Devo unko yah sanman,
Patit paavan Dadi Naam. (51)
Jalraamji ko jhatt bulvaya,
Prem sahit aadesh sunaya.
Aap sambhalo padd deewan,
Patit paavan Dadi Naam. (52)
Vivaah yogya jab hui hai Baai,
Maat-Pitah man chinta chaai.
Karde ab toh kanyadan,
Patit paavan Dadi Naam. (53)
Lagge dhundhne var uss layak,
Guni veer sundar sukhdayak.
Mila nahin ho rahe hairaan,
Patit paavan Dadi Naam. (54)
Bai ne jab dhyan lagaya,
Prabhu ne uska hriday jagaya.
Hua bodh Pati Tandhan naam,
Patit paavan Dadi Naam. (55)
Maat-Pitah ko jab yah bataya,
Tandhan ji ka lagan bhijvaya.
Aaye puran kar sab kaam,
Patit paavan Dadi Naam. (56)
Samvat terah sau ikyavan,
Vivah ghadi jab aai paavan.
Gunja shehnai par gaan,
Patit paavan Dadi Naam. (57)
Mangsir badi Naumi Mangalvaar,
Bani Narani Tandhan Naar.
Ashirwaad dia Bhagwaan,
Patit paavan Dadi Naam. (58)
Maat-Pitah ne seekh batai,
Aur beti ko di hai vidaai.
Rakhna hamesha kul ka maan,
Patit paavan Dadi Naam. (59)
Bai jab sasuraal padhari,
Dekh ke batlaye nar naari.
Aai Devi ghar Deewan,
Patit paavan Dadi Naam. (60)
Jhadchand ka beta shehzaada,
Tandhan ke sang khelne jaata.
Do shareer par ek the praan,
Patit paavan Dadi Naam. (61)
Ghodi sundar thi atee pyaari,
Tandhan jis par kare sawari.
Wahi nimitt hui vardaan,
Patit paavan Dadi Naam. (62)
Shehzaade ka mann lalchaaya,
Tandhan ne usko samjhaya.
Chodd de tu ghodi ka dhyan,
Patit paavan Dadi Naam. (63)
Honee ne jab rang dikhlaya,
Ghodi churaun mann bharmaaya.
Gaya raat me wah naadan,
Patit paavan Dadi Naam. (64)
Jaag hui jab bhaga becharaa,
Tandhan ne tab bhaala maara.
Nikle shehzaade ke praan,
Patit paavan Dadi Naam. (65)
Laash dekh sabhi ghabraaye,
Seema paar Jhunjhnun aaye.
Raaton raat chale aviraam,
Patit paavan Dadi Naam. (66)
Dukh hua Jhadchand ko bhaari,
Karen vilaap Maat aur Naari.
Sooni hui kokh aur maang,
Patit paavan Dadi Naam. (67)
Jhadchand kahe suno darbaari,
Karlo badle ki tayyari.
Sabhi rakho Tandhan ka dhyan,
Patit paavan Dadi Naam. (68)
Gaune ka jab din hai aaya,
Tandhan ko sasuraal pathaya.
Sang bheja Raana balwaan,
Patit paavan Dadi Naam. (69)
Kar gauna jab hui hai vidaai,
Apshakuno ki baadh si aai.
Chale bolte Jai Jai Raam,
Patit paavan Dadi Naam. (70)
Guptcharon ne khabar sunai,
Jhadchand ne faujen bhijvai.
Karo Tandhan ka kaam tamam,
Patit paavan Dadi Naam. (71)
Jangal beech hui hai ladaai,
Tandhan ne Veerta dikhai.
Maare shatru ke bahut jawaan,
Patit paavan Dadi Naam. (72)
Peeche se vaar kia dushman ne,
Veergati paai Tandhan ne.
Hua amar Unka balidaan,
Patit paavan Dadi Naam. (73)
Narayani ne jab yah dekha,
Chadha josh tab usse anokha.
Kudi rann me bhrikuti taan,
Patit paavan Dadi Naam. (74)
Hathon me talwaar hai chamki,
Aur saath me chudiyan khanki.
Boli mitaun tera naamo nishaan,
Patit paavan Dadi Naam. (75)
Ranchandi jab roop dikhaya,
Dushman ne tab hosh ganvaya.
Dekh roop vikraal mahaan,
Patit paavan Dadi Naam. (76)
Kar dushman ka saaf safaya,
Rana ko aadesh sunaya.
Ab hum chalte apne dhaam,
Patit paavan Dadi Naam. (77)
Vah samvat terah sau baavan,
Jab yah dharti hui hai paavan.
Lahraaya dhvaj satt ka aan,
Patit paavan Dadi Naam. (78)
Mangsir badi Naumi Mangalvaar,
Satt chada hai aprampaar.
Shakti ka kia aavahaan,
Patit paavan Dadi Naam. (79)
Mukh mandal par tej hai damke,
Jaise nabh me bijli chamke.
Chaai hoton par muskaan,
Patit paavan Dadi Naam. (80)
Agni Satt se swayam praktai,
Shakti ne satt ki jyot dikhai.
Chamke Dharti aur aasman,
Patit paavan Dadi Naam. (81)
Panch tatva deh hua veelen,
Shakti hui Shakti me leen.
Shesh bhasmi avshesh samaan,
Patit paavan Dadi Naam. (82)
Drishya dekh Raana chakraaya,
Jhatt Durga ka roop dikhaya.
Kar rahe varsha pusp vimaan,
Patit paavan Dadi Naam. (83)
Baayen kar trishul hai chamke,
Daayen me swastik bhi damke.
Aabha mukh mandal ki mahaan,
Patit paavan Dadi Naam. (84)
Dhanya hua Raana ka jeevan,
Bola vintee ka mann hi mann.
Jaya Bhavani Jaya Durga naam,
Patit paavan Dadi Naam. (85)
Raana ne pranaam kia hai,
Maa ne aashiwaad dia hai.
Sang Mere pujega Tera naam,
Patit paavan Dadi Naam. (86)
Bhasmi kalash le Jhunjhnun aaya,
Ghoda ruka wahi pe lagaya.
Samadhi Mandir hai aalishaan,
Patit paavan Dadi Naam. (87)
Baras saat sau ki Yah Daadi,
Ho gai Dadi ki Pad-dadi.
Amar rahega Iska naam,
Patit paavan Dadi Naam. (88)
Janam-maran aur paran Dadi ka,
Vaar Mangal aur naumi teethi ka.
Sangam aur sanyog mahaan,
Patit paavan Dadi Naam. (89)
Nau ka ank puran kehlaata,
Mangal bhi mangl ka daata.
Dadi puran Shakti nidhaan,
Patit paavan Dadi Naam. (90)
Hui Narayani jag me vikhyat,
Bankar Dadi Ranishakti Maat.
Puje Maa ko saara jahaan,
Patit paavan Dadi Naam. (91)
Maa Durga ki hai avtaar,
Koi na paave iska paar.
Yug-yug me avtaari naam,
Patit paavan Dadi Naam. (92)
Lakshmi Sharda Uma Kaali,
Vaishnavi Kali me Jhunhnun wali.
Sab paryayvachi iske naam,
Patit paavan Dadi Naam. (93)
Shakti ki jo baat hai mool,
Vahi Dadi nishaan Trishul.
Hai iska spashta pramaan,
Patit paavan Dadi Naam. (94)
Dekh Shakti ka dhaam niraala,
Sab Devon ne dera daala.
Sur sangam hai Dadi dhaam,
Patit paavan Dadi Naam. (95)
Pittar Dev sab yahan biraje,
Baithe Shiv darbaar lagake.
Hanumat Kandhe Lakshman Raam,
Patit paavan Dadi Naam. (96)
Sodhash Shakti Nav Durgaye,
Trimurti Navgrah muskaye.
Sab Digpaal sambhale kaam,
Patit paavan Dadi Naam. (97)
Kul-devi Dadi Maharani,
Nahin hai ika koi saani.
Karti kali me Maa Kalyaan,
Patit paavan Dadi Naam. (98)
Dadi ki jag me hai khyati,
Sang me bahino ko pujvati.
Tandhan Pittar Shaktimaan,
Patit paavan Dadi Naam. (99)
Jo bhi mann se puje Isko,
Dadi darshan deti usko.
Jaat paant ka nahin hai kaam,
Patit paavan Dadi Naam. (100)
Roli mauli mhendi chaaval,
Dhoop Pushp Deepak aur Sriphal.
Puja ka inse hi vidhaan,
Patit paavan Dadi Naam. (101)
Chooda chunnad bhenth chadave,
Bahin beti ke kaam wo aaven.
Rakhti Dadi sabka maan,
Patit paavan Dadi Naam. (102)
Maa, Dadi sab Shakti ke roop,
Nari Swayam bhi Shakti swaroop.
Shakti Puja Naari Samman,
Patit paavan Dadi Naam. (103)
Jitni bhi Shaktiyan hai Kali me,
Ranishakti sir mor sabhi me.
Iss Shakti ko karo pranaam,
Patit paavan Dadi Naam. (104)
Mahima Dadi ki atee bharee,
Mangal bhavan amangal haari.
Gun gaave sab Ved Puran,
Patit paavan Dadi Naam. (105)
Yaha Mangal Manka Pushpohaar,
Karde Tujh ko bhav se paar.
Kar arpan Dadi ke naam,
Patit paavan Dadi Naam. (106)
Paath karen jo Mangal Manka,
Kashta hare Maa uske tanka.
Puren ho uske armaan.
Patit paavan Dadi Naam. (107)
Sri Krishna ne leela gaai,
Dayakar sunle meri Maai.
Bhuloon nahi me Tera naam,
Patit paavan Dadi Naam. (108)
Mangal Maala Poori hui,
Manka Ek Sau Aath.
Manokaamna purna ho,
Nitya kare jo paath.
Bol Sri Ranisati Dadi ki Jay
Jaya Ambe Jaya Durge Maat,
Jaya Narani Jaya Tandhan Daas.
Jaya Dadi Jaya Shakti Naam,
Patit Paavan Dadi Naam.
Durga Bhajans
- मन लेके आया मातारानी के भवन में
- माँ जगदम्बा की करो आरती
- आरती माँ आरती, नवदुर्गा तेरी आरती
- मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - कालीमाता की आरती
- मात अंग चोला साजे, हर एक रंग चोला साजे
- धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार
- अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित - महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
- दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
- कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
- तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है
- सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार
- मन तेरा मंदिर आखेँ दिया बाती
- चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
- तुने मुझे बुलाया, शेरावालिये