शिव का नाम लो
शिव का नाम लो, हर संकट में ॐ नमो शिवाय,
बस यह नाम जपो, शिव का नाम लो।
जय शम्भू कहो, जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,
भोले नाथ रटो, शिव का नाम लो॥
शिव ही पालन हारा है, जग का वो रखवाला है।
हर हर गंगे, हर हर गंगे, बम बम भोले॥
शिव के चरणों में है चारो धाम।
देवों में भी शिव जी हैं प्रधान॥
सब का बस वही एक स्वामी है।
दान जिसका है धरम, ऐसा दानी है।
जग का है वो पिता, इतना जान लो॥
शिव का नाम लो॥
जय शम्भू कहो, जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,
भोले नाथ रटो, शिव का नाम लो॥
जय शिव शंकर, भवानी शंकर, जय नटराजन।
जय शिव शंकर, भवानी शंकर, जय नटराजन॥
शिव की महिमा सब से है महान।
प्रेम दया का दूजा है यह नाम॥
विष अमृत मान कर पी लिया जिसने।
हर प्राणी का कल्याण किया जिसने।
द्वारे पे शिव खड़े, तुम पहचान लो॥
शिव का नाम लो॥
शिव का नाम लो, हर संकट में ॐ नमो शिवाय,
बस यह नाम जपो, शिव का नाम लो।
जय शम्भू कहो, जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,
भोले नाथ रटो, शिव का नाम लो॥
Shiv Ka Naam Lo
Sonu Nigam
Shiv Bhajan
- शिवशंकर को जिसने पूजा
- सत्यम शिवम सुन्दरम - ईश्वर सत्य है
- शिव आरती - ओम जय शिव ओंकारा
- ऐसी सुबह ना आए, आए ना ऐसी शाम
- कैलाश के निवासी नमो बार बार
- मेरा भोला है भंडारी, करे नंदी की सवारी
- सज रहे भोले बाबा निराले दूल्हे में - शिव विवाह भजन
- ॐ नमः शिवाय 108 Times
- महामृत्युंजय मंत्र - ओम त्र्यम्बकं यजामहे - अर्थसहित
- शीश गंग अर्धांग पार्वती, सदा विराजत कैलासी
- हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ
- श्री बद्रीनाथ स्तुति - श्री बद्रीनाथजी की आरती
- श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिग की कथा
- शिव शंकर डमरू वाले - है धन्य तेरी माया जग में
- जय शंभू, जय जय शंभू - जयति जयति जय काशी वाले
- बम भोले, बम भोले - यही वो तंत्र है
- शिव का नाम लो, हर संकट में ॐ नमो शिवाय
- सुबह सुबह ले शिव का नाम
- ओम सुन्दरम ओंकार सुन्दरम
- शंकर मेरा प्यारा - माँ री माँ मुझे मूरत ला दे
- आओ महिमा गाए भोले नाथ की
- चलो भोले बाबा के द्वारे
शिव का नाम लो भजन का आध्यात्मिक अर्थ
शिव का नाम लो, हर संकट में ॐ नमो शिवाय,बस यह नाम जपो
भगवान शिव का नाम लो; हर कठिन परिस्थिति में “ओम नमो शिवाय” का जाप करें और इसी नाम का ही ध्यान करें।
यह श्लोक मुसीबत या संकट के समय भगवान शिव के नाम, “ओम नमो शिवाय” का जाप करने की शक्ति पर जोर देता है। यह दिव्य नाम के जाप के माध्यम से सांत्वना और शक्ति प्राप्त करने को प्रोत्साहित करता है।
जय शम्भू कहो, जब कोई मुश्किल आन पड़े तो भोले नाथ रटो
कहो, “भगवान शिव की जय।” जब भी कोई कठिनाई आए तो भगवान शिव को याद करें।
यह श्लोक भगवान शिव को दयालु के रूप में स्तुति करता है। यह जीवन में चुनौतियों या कठिनाइयों का सामना करते समय उनकी शरण लेने और उनके नाम का आह्वान करने का सुझाव देता है।
शिव के चरणों में है चारो धाम। देवों में भी शिव जी हैं प्रधान॥
भगवान शिव के चरणों में ही सभी तीर्थ निवास करते हैं। देवताओं में शिव सर्वोपरि हैं।
यह श्लोक भगवान शिव के महत्व को यह कहकर स्वीकार करता है कि सभी पवित्र स्थान (चार धाम) उनके दिव्य चरणों में मौजूद हैं। यह इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि देवताओं में भगवान शिव का प्रमुख स्थान है।
सब का बस वही एक स्वामी है। दान जिसका है धरम, ऐसा दानी है।
वह सबका एकमात्र सच्चा स्वामी है। दान देना उसका स्वभाव है; वह बहुत उदार दाता है।
यह श्लोक भगवान शिव को ब्रह्मांड के परम भगवान और स्वामी के रूप में वर्णित करता है। यह उनके दयालु और उदारता के दिव्य गुण को भी चित्रित करता है। हिंदू परंपराओं में, भगवान शिव को “आशुतोष” के रूप में जाना जाता है, जो आसानी से प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।
जग का है वो पिता, इतना जान लो॥
वह सारे विश्व का पिता है; इस बात को अच्छे से समझ लें.
यह श्लोक भगवान शिव को सार्वभौमिक पिता के रूप में संबोधित करता है, जो ब्रह्मांडीय निर्माता और पालनकर्ता के रूप में उनकी भूमिका को दर्शाता है।
शिव की महिमा सब से है महान। प्रेम दया का दूजा है यह नाम॥
भगवान शिव की महिमा सबसे बड़ी है। (ईश्वर का) दूसरा नाम प्रेम और करुणा है।
यह श्लोक भगवान शिव की महानता का बखान करता है और कहता है कि उनकी दिव्य महिमा सभी से बढ़कर है। इसमें यह भी उल्लेख है कि ईश्वर के स्वभाव का सार प्रेम और करुणा के दो गुणों द्वारा वर्णित किया जा सकता है।
विष अमृत मान कर पी लिया जिसने। हर प्राणी का कल्याण किया जिसने।
जिसने विष को ऐसे पिया जैसे कि वह अमृत हो। जिसने सभी प्राणियों का कल्याण सुनिश्चित किया।
यह श्लोक हिंदू पौराणिक कथाओं के उस प्रसिद्ध प्रसंग को संदर्भित करता है जब भगवान शिव ने दुनिया को बचाने के लिए समुद्र मंथन के दौरान जहर (हलाहल विष) पी लिया था। खतरे के बावजूद, उन्होंने सभी प्राणियों की रक्षा के लिए इसका सेवन किया। यह उनके निस्वार्थ कार्य और सभी प्राणियों की भलाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालता है।
द्वारे पे शिव खड़े, तुम पहचान लो॥
जब शिव आपके द्वार पर खड़े हों, तो उन्हें पहचानें।
यह श्लोक भक्तों से भगवान शिव की उपस्थिति को पहचानने और महसूस करने का आग्रह करता है, जो उनकी रक्षा और मार्गदर्शन के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं।
कुल मिलाकर, ये भजन गीत भगवान शिव के दिव्य गुणों का जश्न मनाते हैं और भक्तों को उनकी शरण लेने, उनके नाम का जाप करने और अपने जीवन में उनकी उपस्थिति को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। गीत भगवान शिव की भक्ति, स्तुति और महानता को व्यक्त करता हैं। वे हिंदू धर्म में प्रेम, करुणा और पारलौकिक चेतना के अवतार भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा की भावना पैदा करते हैं।
Shiv Bhajan
- हे शिव शंकर परम मनोहर सुख बरसाने वाले
- श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की कथा
- शंकर तेरी जटाओं से, बहती है गंगधारा
- हे भोले शंकर पधारो
- जय गिरिजा पति दीन दयाला - शिव चालीसा
- निर्वाण षट्कम - आत्म षट्कम - चिदानन्द रूप: शिवोऽहम्
- मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा
- शिव तांडव स्तोत्र
- शिव मानस पूजा - अर्थ सहित
- मिलता है सच्चा सुख केवल, शिवजी तुम्हारे चरणों में
- शिवजी के १०८ नाम - अर्थ सहित
- श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा
- महादेव शंकर हैं जग से निराले
- हे शिव पिता परमात्मा
- जय भोले जय भंडारी, तेरी है महिमा न्यारी
- सुबह सुबह हे भोले, करते हैं तेरी पूजा
- ओ शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे
- बिगड़ी मेरी बना दो मेरे बाबा भोले भाले
- शिव मानस पूजा
- शिव प्रातः स्मरण स्तोत्र - प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं