श्रीराम कहो, घनश्याम कहो

Shri Ram Kaho – Hindi

Shri Ram Kaho Ghanshyam Kaho – Lyrics in Hindi


श्रीराम कहो, घनश्याम कहो,
जै बोलो सीताराम रे,
समदर्शी है प्रभु की माया,
ना कोई उसके समान रे॥


मधुर- मधुर जग के सपनों में,
तूने समय गंवाया।
कभी न मन मंदिर में प्यारे,
तुने हरि को ध्याया॥
कदम- कदम पर पाप अनेकों,
तूने नित ही कमाया।
कभी न सत संगत में जाके,
तूने हरि गुण गाया॥
श्रीराम कहो, घनश्याम कहो,
जै बोलो सीताराम रे,
समदर्शी है प्रभु की माया,
ना कोई उसके समान रे॥


हाड मांस का तन ये तेरा,
आज है, न कल रहि है।
हाथी घोड़ा महल खजाना,
कोई संग न जई है॥
चेत अरे माटी के पुतले,
है नश्वर तेरी काया।
चार दिनों की जिन्दगानी में,
तू काहे भरमाया॥
श्रीराम कहो, घनश्याम कहो,
जै बोलो सीताराम रे,
समदर्शी है प्रभु की माया,
ना कोई उसके समान रे॥


ये तड़क भनक, ये चमक दमक,
ना देवेगी कुछ काम रे॥
झूठी काया, झूठी माया का,
क्यों तू बने गुलाम रे॥
राम की महिमा राम ही जाने,
ना कोई उससे बड़ा रे।
अब ध्यान धरो, गुणगान करो,
ले लो हरि का नाम रे॥
श्रीराम कहो, घनश्याम कहो,
जै बोलो सीताराम रे,
समदर्शी है प्रभु की माया,
ना कोई उसके समान रे॥