तेरे पूजन को भगवान
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
किस ने जानी तेरी माया,
किस ने भेद तिहारा पाया।
ऋषि मुनि हारे कर कर ध्यान,
बना मन मंदिर आलीशान॥
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
किस ने देखि तेरी सूरत,
कौन बनावे तेरी मूरत।
तू है निराकार भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान॥
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
पर्वत घाटी नदी समंदर,
तू रमता इन सब के अन्दर।
तेरे बस में सकल जहान,
बना मन मंदिर आलीशान॥
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
तू हैं वन में, तू प्राणन में,
तू है तरु तरु के पातन में।
कोई ना दूजा तेरे सामान,
बना मन मंदिर आलीशान॥
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
जल में थल में तू ही समाया,
सब जग तेरा जलवा छाया।
तू है घट घट के दरमियान,
बना मन मंदिर आलीशान॥
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
तू राजा को रंक बनाता,
तू भिक्षुक तो तखत बिठाता।
तेरी लीला इश महान,
बना मन मंदिर आलीशान॥
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
सूरज तेरी महिमा गावे,
चंदा तुझ पर बलि बलि जावे।
इश्वर कर सब का कल्याण,
बना मन मंदिर आलीशान॥
तेरे पूजन को भगवान,
बना मन मंदिर आलीशान।
Tere Poojan Ko Bhagwan
Tripti Shaqya
Krishna Bhajan
- ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन - आध्यात्मिक महत्व
- आरती कुंज बिहारी की - श्री कृष्ण आरती - अर्थ सहित
- अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
- मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है
- नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की (Updated)
- मधुराष्टकम - अर्थ साहित - अधरं मधुरं वदनं मधुरं
- मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
- शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं - अर्थ सहित
- सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - अर्थ सहित
- हे गोपाल कृष्ण, करूँ आरती तेरी - आध्यात्मिक महत्व
- श्याम रंग में रंगी चुनरिया, अब रंग दूजो भावे ना
- बता मेरे यार सुदामा रे - भाई घणे दीना में आया
- हरे कृष्ण मंत्र (धुन) - हरे राम, हरे कृष्ण
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय - मंत्र 108
- काली कमली वाला, मेरा यार है
- मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा बरसाए रखना
- ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला
- अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
- फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी
- देना हो तो दीजिए, जनम जनम का साथ - अर्थ सहित
- मुझे अपने ही रंग में रंगले, मेरे यार सांवरे
- नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा